सुरेन्द्र जैन, धरसीवां. बीते सालभर में उरला सीएसपी कार्यालय के अंतर्गत आने वाले 4 थाना क्षेत्रों की सड़कें और उद्योग हादसे में 180 हंसती खेलती जिंदगियों को लील गए. दुर्घटनाओं में सबसे टॉप पर धरसीवां रहा. जहां 113 लोगों की जिंदगियां खत्म हो गई. लल्लूराम डॉट कॉम ने जब सीएसपी कार्यालय से जनवरी 2022 से लेकर दिसंबर 2022 तक के सड़क और औद्योगिक दुर्घटनाओं की जानकारी लिए तो चिंताजनक आंकड़े सामने आए.


बता दें कि, धरसीवां थाना क्षेत्र अंतर्गत जनवरी से दिसंबर 2022 में कुल 121 सड़क हादसे हुए, जिनमें 57 लोग घायल हुए और 93 लोगों ने अपने प्राण गंवा दिए. वहीं औद्योगिक हादसों की बात करें तो कुल 21 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 3 घायल हुए और 20 श्रमिकों ने अपनी जान गंवा दिए. ठीक इसी तरह खमतराई थाना क्षेत्र में कुल 71 सड़क हादसे हुए, जिनमें 33 लोग घायल और 19 लोगों की मृत्यु हुई. यहां औद्योगिक दुर्घटना 1 हुई और 1 श्रमिक ने प्राण गंवाए.

वहीं उरला थाना क्षेत्र में कुल 50 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 31 लोग घायल हुए और 24 लोगों की मौत हो गई. यहां 24 औद्योगिक हादसे हुए. जिसमें 7 घायल और 17 लोगों की मृत्यु हुई. इसी तरह गुढ़ियारी थाना क्षेत्र में 25 सड़क हादसों में 18 घायल हुए और 6 लोगों की जान चली गई. हालांकि, यहां एक भी औद्योगिक हादसे नहीं हुए.


क्यों धरसीवां की सड़कें बनी खूनी
जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक सर्वाधिक सड़क हादसे धरसीवां थाना क्षेत्र अंतर्गत हुए तो यह भी समझना होगा कि आखिर धरसीवां की सड़कें खूनी कैसे बनी. यदि हम इसके कारणों में जाएं तो सबसे बड़ा कारण है बेतरतीब ढंग से बनी सिक्स लाइन यानी अप्रत्यक्ष रूप से इतनी मौतों का जिम्मेदार यदि कोई है तो वह है एनएचएआई के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही है. ऐसा इसलिए कि जिम्मेदारों ने करोड़ों की सिक्स लाइन सांकरा से चरोदा टर्निंग तक अति आवश्यक स्थलों पर अंडरब्रिज नहीं बनाए, जिसके चलते आए दिन सांकरा और सिलतरा में हादसों की शुरुआत हुई.

हाइवे के दोनों तरफ दर्जनों फेक्ट्रियां, तब भी अंडरब्रिज नहीं
सांकरा से सिलतरा चरोदा बाइपास तक हाइवे के पूर्व दिशा और हाइवे के पश्चिम दिशा में दर्जनों बड़ी-बड़ी स्पंज आयरन फैक्ट्रियां है, जिनमें हजारों ग्रामीण मेहनत-मजदूरी करते हैं. जो सड़क के दोनों तरफ के आसपास के गांवों से ही आना-जाना करते हैं. लेकिन सांकरा और सिलतरा स्कूल के समीप चौक में और चरोदा पेट्रोल पंप के सामने अंडरब्रिज का निर्माण नहीं किया गया. जबकि निर्माण के पूर्व ही अंडरब्रिज की मांग होने पर जनसुनवाई में स्पष्ट हुआ था कि, अंडरब्रिज बनेंगे. इसी के चलते दुपहिया चालक, साइकिल सवार और पैदल जाने वाले श्रमिक जान हथेली पर रखकर हाइवे पार करते हैं. इतनी औद्योगिक इकाइयां होने से बड़ी संख्या में भारी वाहनों की आवाजाही होती है, लेकिन सिलतरा सांकरा में कहीं भी सिक्स लाइन से उतरने चढ़ने की व्यवस्था नहीं दी गई. जिससे संकीर्ण सर्विस रोड का उपयोग कर वाहनों को उद्योगों तक पहुंचना पड़ता है.