उत्तरकाशी एवलांच हादसे में अभी तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही 13 लोग लापता है. बता दें कि 70 घंटे से रेस्कयू ऑपरेशन जारी है, लेकिन बीच-बीच में मौसम खराब होने के चलते रेस्कयू ऑपरेशन रोकना पड़ रहा है. ये घटना द्रोपदी का डांडा शिखर पर हिमस्खलन के बाद हुई है.
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी हिमस्खलन के बाद अब तक कुल 19 शव बरामद किए गए हैं. शुक्रवार को उन्नत हेलीकाप्टर से शवों को मताली हेलीपैड तक लाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मौके पर कुल 30 बचाव दल तैनात हैं. शुक्रवार को भी मौसम रेस्कयू ऑपरेशन में बाधा डाल सकता है, क्योंकि उत्तरकाशी में बादल छाए हुए हैं. वहीं 10 ट्रैकर ट्रेनी अभी भी लापता है और 19 शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं.
टीमें लगातार कर रही राहत और बचाव कार्य
बता दें कि उत्तरकाशी एवलांच हादसे में गुरुवार से हाई एल्टिट्यूड वॉर फेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम भी लग चुकी है. ये टीम भी हिमस्खलन में फंसे हुए लोगों को रेस्कयू कर रही है. ये गुलमर्ग और सियाचिन जैसे हाई एल्टिट्यूड पर युद्ध करने में पारंगत होते हैं. टीम के 15 लोग पहले ही उत्तरकाशी पहुंच चुके थे. ये टीम सेना को भी ग्लेशियर में कैसे बचाव करना है उसकी ट्रेनिंग देती है.
उन्नत हेलीकॉप्टर लैंडिंग ग्राउंड तैयार
हाई एल्टीट्यूड वॉर फेयर स्कूल की टीम के साथ आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनआईएस और एनडीआरएफ के साथ बचाव कार्य कर रही है. अब रेस्क्यू के लिए 16000 फीट की ऊंचाई पर एक उन्नत हेलीकॉप्टर लैंडिंग ग्राउंड तैयार किया गया है. बता दें कि ये घटना मंगलवार को हुई थी, जिसके बाद से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
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