1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आरोपी पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ अगले साल 8 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत फैसला सुना सकती है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा को सोमवार को सजा पर फैसला सुनाना था, लेकिन फैसला 8 जनवरी की अगली तारीख तक टाल दिया गया. सज्जन कुमार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के सामने पेश किया गया था. दिल्ली की तिहाड़ केंद्रीय जेल में फिलहाल बंद हैं.

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यह मामला सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में 2 लोगों की कथित हत्या से संबंधित है. 1 नवंबर, 1984 को, दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से संबंधित फैसला सुरक्षित रख लिया. शुरुआत में पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में यह जांच SIT ने ली.

3 साल पहले तय किए थे आरोप

अदालत ने 16 दिसंबर, 2021 को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ “प्रथम दृष्टया” मामला तय किया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि घातक हथियारों से लैस एक बड़ी भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए लूटपाट, आगजनी और सिखों की संपत्ति को नष्ट कर दिया.

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अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर भीड़ ने हमला किया, जिसमें उसके पति और बेटे की हत्या कर दी गई, सामान लूट लिया गया और घर को आग लगा दी गई.

सज्जन कुमार पर मुकदमा चलाते हुए अदालत ने कहा कि “प्रथम दृष्टया यह राय बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई गई कि वह न केवल एक भागीदार थे, बल्कि उन्होंने भीड़ का नेतृत्व भी किया था.”

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