प्रयागराज। बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। 60 के दशक के अंत उन्होंने अपने करियर का आगाज किया। इस दौरान उन्होंने हर जॉनर की फिल्मों में काम किया। 80 और 90 के दशक में उनकी लोकप्रियता आसमान छू रही थी। जिससे भुनाने का प्रयास पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी किया और उन्हें कांग्रेस पार्टी से टिकट दे दिया। अमिताभ को एक ऐसे नेता के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा गया, जो यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके थे। जिनकी लोकप्रियता उस जमाने में किसी भी फिल्मी सितारे से कम नहीं थी।
अमिताभ ने ली बहुगुणा से टक्कर
जी हां दोस्तों में हम बात कर रहे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की। जो 8 नवम्बर, 1973 से 4 मार्च, 1974 तक और 5 मार्च, 1974 से 29 नवम्बर, 1975 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेता के रूप में होती थी लेकिन 1980 में उन्होंने मतभेदों के चलते कांग्रेस छोड़ दी। फिर साल 1984 में भारतीय लोक दल पार्टी के टिकट पर इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र पर चुनाव लड़ा। कांग्रेस ने उनके खिलाफ बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को चुनावी मैदान मे उतारा। कांग्रेस के इस फैसले का कई लोगों ने मजाक तक उड़ाया लेकिन चुनाव परिणाम ने सबकी बोलती बंद कर दी।

बहुगुणा की विरासत और बच्चन का स्टारडम
इलाहाबाद सीट की चर्चा पूरे देश में होने लगी। एक तरफ उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता हेमवती नंदन बहुगुणा थे। जिनका बहुत बड़ा जनाधार था कांग्रेस से अलग होने के बावजूद साल 1982 के उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को चारो खाने चित्त किया था। इलाहाबाद उनका गढ़ माना जाता था। वहीं दूसरी ओर उस दौरे के सबड़े बड़े हीरो अमिताभ बच्चन थे। जिनकी लोकप्रियता और स्टारडम किसी से छुपा नहीं था। अमिताभ इलाहाबाद के ही रहने वाले है। ऐसे में मुकाबला काफी ज्यादा दिलचस्प हो गया। राजनीतिक पंडित तमाम तरह के गुणा गणति लगा रहे थे लेकिन चुनाव परिणाम के बारे में कुछ भी कहने से बचते रहे।

चुनाव परिणाम ने सबको चौंकाया
आखिरकार 1984 लोकसभा चुनाव का परिणाम आ ही गया। राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को बंपर जीत मिली। 1984 में निर्वाचित 514 सीटों में से 404 सीटें पर कांग्रेस का कब्जा रहा और फिर एक बार केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन इलाहाबाद लोकसभा के चुनाव परिणाम ने सबको हैरान कर दिया। अमिताभ बच्चन ने हेमवती नंदन बहुगुणा को एक लाख 87 हजार 795 वोटों के विशाल अंतर से हराया। उस चुनाव में कुल 4 लाख 36 हजार 120 मत पड़े थे। जिनमें से 2 लाख 97 हजार 461 वोट अमिताभ बच्चन को मिले। वहीं हेमवती नंदन बहुगुणा को 1 लाख नौ हजार 666 वोट से संतोष करना पड़ा। इस तरह अमिताभ के स्टारडम के सामने बहुगुणा के दांव पेंच धरे के धरे रह गए। इस हार के बाद बहुगुणा ने राजनीति से संन्यास ले लिया था। राजनीति से संन्यास के बाद हेमवती नंदन बहुगुणा पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में लग गए थे।
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