कोरबा। गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे गए गोबर की राशि संग्राहको के बैेक खातों मे सीधे जमा होंगी। गोबर खरीदी की राशि का किसी भी संग्राहक को नगद भुगतान नहीं होगा। इसके लिए संग्राहको के को-ऑपरेटिव बैंक में खाते खोले जा रहे है। संग्राहको के खाते खोलने के लिए गोठान समितियों के सदस्य, कृषि, पशुपालन और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी कर्मचारी मदद कर रहे है। गोठान समितियों के खाते भी काॅ-ऑपरेटिव बैंक में ही खोले जा रहे है ताकि गोबर से बने वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से मिली राशि सीधे खातो में जमा की जा सके। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार गोबर संग्राहको को खरीदे गए गोबर का पहला भुगतान पांच अगस्त को किया जाएगा।

हरेली त्यौहार से शुरू हुई गोधन न्याय योजना के तहत कोरबा जिले मे अब तक पशुपालको से दो लाख 39 हजार किलो गोबर की खरीदी गोठान समितियों ने की है। जिले में गोधन न्याय योजना के तहत दो रूपए प्रति किलो की दर से दो सौ गोठानो में गोबर की खरीदी की जा रही है। अभी तक पंजीकृत साढ़े तीन हजार गोबर संग्राहको से खरीदे गए गोबर की मात्रानुसार राशि चार लाख 97 हजार रूपए उनके खाते में सीधे जमा की जाएगी। जिले में अभी प्रतिदिन औसतन दस हजार किलो गोबर की खरीदी की जा रही है। गोठान में खरीदे गए गोबर को सुरक्षित रखा जा रहा है। गोबर को पंद्रह दिन बाद वर्मी कम्पोस्ट टांके में डालकर जैविक खाद बनाया जाएगा। गोबर संग्राहको का पंजीयन तेजी से किया जा रहा है।

पूरे प्रदेश सहित जिले मे 20 जुलाई को हरेली त्यौहार पर शुरू हुई योजना के पहले दिन ही जिले में पांच हजार किलो से अधिक गोबर की खरीदी की गई। जिले की दो सौ गोठानो में हर दिन गोबर खरीदी की जा रही है। गोबर संग्राहको द्वारा बेचे गए गोबर का पूरा हिसाब भी रखा जा रहा है। बेचे गए गोबर के हिसाब के लिए सभी गौ-संग्राहको को गोबर खरीदी कार्ड दिए गए है। कार्डो में हर दिन खरीदे गए गोबर की मात्रा और राशि की इंट्री कर गोबर संग्राहको तथा गोठान प्रभारी के हस्ताक्षर भी लिए जा रहे है। कलेक्टर किरण कौशल ने कृषि और पंचायत तथा ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियो को नियमित रूप से गोठानो का निरीक्षण करने, गोबर खरीदने की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ खरीदे गए गोबर की पूरी जानकारी प्रतिदिन जिला पंचायत के गोठान सेल में देने के निर्देश भी दिए है।

गोबर बेचने बड़ी संख्या में गोठानो तक पहुंच रहे संग्राहक – राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई गोधन न्याय योजना के प्रति ग्रामीणो में भारी उत्साह देखने मिल रहा है। गोबर जैसी मूल्यहीन वस्तु की दो रूपए किलो मे खरीदी कर मूल्यवान खाद बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पंख लगाने की इस योजना से गौ-पालको को अच्छा फायदा हो रहा है। कोरबा जिले में 20 जुलाई से आज तक साढ़े तीन हजार पशुपालको ने 2 लाख 39 हजार किलोग्राम गोबर बेच दिया है और चार लाख 97 हजार रूपए कमा लिए है। गोबर संग्राहकों ने अब तक जनपद पंचायत कोरबा में 39 हजार 455 किलो, जनपद पंचायत करतला में 12 हजार 840 किलोे, जनपद पंचायत कटघोरा में 45 हजार 626 किलो, जनपद पंचायत पाली में 1 लाख 13 हजार 435 किलो और जनपद पंचायत पोड़ीउपरोड़ा में 17 हजार 595 किलो गोबर बेचा है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि गोधन न्याय योजना से जिले के पशुपालको को सीधा लाभ होगा। सीईओ ने सभी गोठानो मे गोबर खरीदी की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है।

सीईओ ने बताया कि गोबर संग्राहक के पंजीयन कार्ड में गोठान का नाम, गोठान कोड, जनपद पंचायत का नाम, हितग्राही का कोड नंबर, गोबर विक्रेता का नाम, पिता/पति का नाम, वर्ग, गोबर विक्रेता का खाता क्रमांक आईएफएससी कोड, बैंक का नाम, बैंक खाता का नाम, मोबाईल नम्बर, राशन कार्ड क्रमांक दर्ज किया जाएगा। इससे एक ही प्रपत्र में हितग्राही की विस्तृत जानकारी संग्रहित हो जायेगी, जिसके परिणाम स्वरूप गोबर बिक्री के भुगतान में शीघ्रता एवं सुलभता होगी, जिसका सीधा लाभ हितग्राहियों को मिलेगा।