दिल्ली. अक्सर हमें देखने को मिलता है कि लोग पानी को फिजूल में बहाते हैं, पानी का इस्तेमाल लापरवाही से करते हैं. उसी का नतीजा अब लोगों को भुगतना पड़ सकता है. ऐसा हम नहीं बल्कि एक स्टड़ी सामने आई है जो लोगों के लापरवाही को खोलते हुए डरा रही है. हालांकि पानी के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कई संगठन मुहिम भी चला रहें हैं, लेकिन लोग फिर भी सचेत होते हुए नजर नहीं आ रहे, जिसका नतीजा आने वाले दिनों में भयावह होगा.

बता दें कि, नई स्टडी के अनुसार साल 2040 तक 44 देशों में पानी की भारी किल्लत पैदा हो जाएगी और साल 2025 तक ही दुनिया के 2.8 अरब लोग पीने के पानी को तरस जाएंगे. इसके साथ ही अगले दो से तीन दशक में तो काफी ज्यादा जनसंख्या इससे प्रभावित हो जाएगी.

जानकारी के अनुसार, जर्मनी में यूनिवर्सिटी ऑफ बोन के इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में प्रोफेसर डॉक्टर यानिस मनियातिस और उनके कुछ छात्रों ने इस बारे में रिसर्च की. इससे संबंधित डेटा पर लंबी स्टडी के बाद टीम इस नतीजे पर पहुंची. रिसर्चरों का मानना है कि दुनिया में मेडिटेरियन देश पृथ्वी पर अपनी लोकेशन की वजह से सूखे के सबसे ज्यादा रिस्क पर हैं. वहीं पिछले 500 साल के इतिहास में यूरोप मौजूदा समय में सबसे लंबे सूखे से गुजर रहा है.

2025 से बिगड़ेंगे हालात

स्टडी में बताया गया कि साल 2025 तक दुनिया के 48 देशों के 2.8 अरब लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं होगा. वहीं साल 2050 तक लोगों का ये आंकड़ा 7 अरब तक पहुंच जाएगा. वर्तमान समय में दुनिया में सबसे ज्यादा पानी का इस्तेमाल अमेरिका और फिर ग्रीस में हो रहा है. स्टडी में बताया गया कि अधिकतर पानी सिर्फ सिंचाई ही नहीं बल्कि अलग-अलग चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. पानी को लेकर हुई स्टडी में सामने आए आंकड़े इंसान के लिए भयावह जरूर हैं, लेकिन अगर पानी के गलत इस्तेमाल की रोकथाम दुनिया भर में सही तरीके से की जाए तो शायद भविष्य में हालात बदल भी सकते हैं. हालांकि, पानी को बचाने की मुहिम सबसे पहले खुद आपके सही इस्तेमाल से शुरू होगी. इसलिए आपको भी यह जानना काफी जरूरी है कि पानी की बचत कैसे की जाए.