अमृतसर. पंजाब कांग्रेस के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने लुधियाना और नवांशहभारत भूषण आशुर में विजिलेंस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया। हालांकि, जालंधर ईडी केस में दर्ज एफआईआर अभी विचाराधीन है।


कौन-कौन से मामले हैं लंबित?


आशु के वकील, एडवोकेट मनदीप सचदेवा ने बताया कि जालंधर ईडी मामले की सुनवाई 23 दिसंबर 2024 को होगी। इस मामले में आशु को पहले ही जमानत मिल चुकी है। वकील ने कहा कि सेशन कोर्ट में रखे गए मामलों को हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद आज हाई कोर्ट ने लुधियाना और नवांशहर में दर्ज एफआईआर रद्द कर दी, जबकि ईडी द्वारा दर्ज जालंधर एफआईआर में आशु को जमानत पहले ही मिल चुकी है।


सचदेवा ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेशों की कॉपी आने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी। अदालत ने हाल ही में यह आदेश जारी किए हैं। इस स्थिति में भारत भूषण आशु अब इन दोनों मामलों में दोषी नहीं रहे हैं। जालंधर ईडी मामले पर उन्होंने कहा कि आदेशों की कॉपी आने के बाद ही अदालत में आगे की याचिकाएं दायर की जाएंगी।


जेल से बाहर आने को लेकर क्या कहा?


आशु के जेल से बाहर आने के सवाल पर वकील ने कहा कि यह आदेशों पर निर्भर करता है। अगर आदेशों की कॉपी समय पर मिल जाती है, तो आज ही जमानत के कागजात भरे जा सकते हैं। वकील ने बताया कि परगट सिंह जालंधर में जमानत के कागजात दाखिल करेंगे।


परगट सिंह ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
जालंधर छावनी के विधायक परगट सिंह ने कहा कि जब भी एजेंसियां दबाव में काम करती हैं, तो इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है। आज भारत भूषण आशु को न केवल अदालत से जमानत मिली है, बल्कि उनके खिलाफ दर्ज 2 एफआईआर भी रद्द कर दी गई हैं।


परगट सिंह ने कहा कि भले ही आशु को अदालत से राहत मिल गई है, लेकिन पिछले 4 महीनों से जेल में रहने का मुआवजा कौन देगा? आज की सुनवाई में अदालत ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद न सिर्फ जमानत दी, बल्कि दोनों एफआईआर को रद्द कर दिया, जिससे आशु पर बना दबाव समाप्त हो गया। अदालत ने इस मामले में आशु को क्लीन चिट दे दी है। परगट सिंह ने भी हाई कोर्ट के फैसले का समर्थन किया।