पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा. अरनपुर थाना क्षेत्र के नहाडी और छोटे हिड़मा के जंगलों में हुई मुठभेड़ में दो हार्डकोर महिला माओवादी मारी गई है. इनमें एक मलंगेर एरिया कमेटी की सदस्य लकखे है, जिस पर पांच लाख का इनाम था. वहीं दूसरी मारी गई महिला माओवादी पर दो लाख का इनाम घोषित है. सर्च के दौरान इंसास और 12 बोर की बंदूक भी बरामद किया गया है.
पुलिस को सूचना मिली थी कि छोटे हिड़मा के जंगलों में माओवादी नेता कैंप को संचालित कर रहे हैं. साथ ही नए लाल लड़ाकों को यहां ट्रनिंग दी जा रही है. पुलिस अधिकारियों ने तत्काल दो टीमों का गठन किया. डीआरजी और महिला बस्तर फाईटर टीम को रात में ही रवाना किया गया. इनको बैकअप देने के लिए अरनपुर कैंप से भी जवानों को रवाना किया. पूरी रात जंगल में सर्च ऑपरेशन चला. पुलिस टीम जैसे ही माओवादी कैंप के पास पहुंची, इस बात की भनक माओवादियों को लग गई. माओवादियों ने भी मोर्चा संभाल लिया. अपने बड़े नक्सली नेताओं को सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी.
फोर्स ने भी माओवादी कैंप को घेरा था. दोनों ओर से करीब एक घंटे तक फायरिंग चली. इस मुठभेड़ में दो महिला माओवादी मारी गई, लेकिन वहीं दरभा डिवीजन का थिंक टैंक माने जाने वाला चैतू और टेक्रिकल टीम का इंचार्ज जगदीश के साथ देवा और प्लाटून नंबर 30 का कमांडर जयलाल भागने में कामयाब हो गए. ये सभी दरभा डिवीजन के मौजूदा वक्त में रीढ़ हैं. हालांकि पुलिस ने कैंप को ध्वस्त कर दिया है और नक्सल समाग्री को भी जब्त किया है.
नक्सल सामग्री के साथ कैमरा, ग्रेनेट और टिफिन बम बरामद
मुठभेड़ के बाद कैंप से भारी मात्रा में सामग्री बरामद हुई है. एक हाईटेक कैमरा के साथ नाट्य मंडली का सामान और नक्सली साहित्य बरामद किया गया है. इंसास के 30 जिंदा कारतूस भी पुलिस ने बरामद किए हैं. इसके अलावा हैंड ग्रेनेट और टिफिन बम भी जब्त किया गया है. आधा दर्जन से अधिक नक्सली पिठ्ठू भी जब्त हुए हैं. पुलिस का कहना है कि बड़े माओवादियों की उपस्थिति थी.
बस्तर में सबसे मजबूत माना जाता है दरभा डिवीजन
माओवादियों की सबसे मजबूत डिवीजन दरभा को ही माना जाता है. दरभा डिवीजन ने ही 25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था. इस बड़ी वारदात ने राज्य में कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व को ही समाप्त कर दिया था. माआवादियों की इस वारदात ने समूचे देश को हिला दिया था. इतना ही नहीं, इसी डिवीजन ने ताड़मेटला कांड को अंजाम दिया. इस घटना में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे. इसके आलावा पिडमेल, कमानार, मैलावाड़ा, विधायक भीमा मंडावी विस्फोट कांड और हाल ही में अरनपुर बम ब्लास्ट जैसी बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है. इन बड़े कैडर के माओवादियों पर सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के थानों में दर्जनों संगीन अपराध दर्ज हैं.
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