सदफ हामिद, भोपाल। राजधानी भोपाल के कोलार इलाके में बिल्डिंग लिफ्टिंग का पहला मामला सामने आया है। जहां मकान मालिक ने बारिश के समय में घर में पानी भर जाने की समस्या के चलते 2 मंज़िला मकान को लिफ्टिंग करवाने का फैसला लिया। यह राजधानी भोपाल में पहला मामला है, जब कोई मकान मालिक ने हाउस लिफ्टिंग करवाया हो। मकान मालिक का कहना है कि, मकान का निर्माण साल 2000 में करवाया गया था। लेकिन अब सड़क की ऊंचाई अधिक हो जाने और घर के पीछे सीवेज नाला होने के चलते हर साल बारिश में समस्या होती है, घर में पानी भर जाता है। इसलिए बिल्डिंग लिफ्टिंग करवाने का सोचा, क्योंकि मकान का पुनर्निर्माण करवाने में ज्यादा खर्चा आ रहा था।

हरियाणा के कांट्रेक्टर से किया एग्रीमेंट

मकान मालिक ध्रुव बताते हैं कि पहले उन्होंने सोशल मीडिया से बिल्डिंग लिफ्टिंग के बारे में जानकारी जुटाई। फिर कांट्रेक्टर को सर्च किया जिसके बाद उन्होंने हरियाणा के कांट्रेक्टर से बिल्डिंग लिफ्टिंग को लेकर चर्चा की कांट्रेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया की बिल्डिंग लिफ्टिंग का काम सफलतापूर्वक कर देंगे। कांट्रेक्टर और मकान मालिक के बीच एक एग्रीमेंट हुआ जिसमें लिखा है अगर बिल्डिंग लिफ्टिंग करते वक्त कोई भी नुकसान या हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी कांट्रेक्टर की होगी।

हाइड्रोलिक रॉड जैक टेक्निक से बिल्डिंग लिफ्टिंग

दो मंजिला बनी बिल्डिंग को 3 फीट ऊपर करने के लिए बिल्डिंग लिफ्टिंग टेक्निक (हाइड्रोलिक, रॉड जैक) और मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। जिसमें करीब 4.50 लाख का खर्चा आ रहा है। मकान मालिक का कहना है कि बिल्डिंग के पुनर्निर्माण में 10 से 12 लाख और बिल्डिंग लिफ्टिंग में 4.30 से 5 लाख का खर्चा आ रहा था। इसलिए बिल्डिंग लिफ्टिंग करवाने का फैसला लिया हालांकि यह काम करवाना रिस्की है लेकिन फिर भी रिवॉर्ड पाने के लिए रिस्क लिया है। लेकिन सभी सावधानी बरती जा रही है। मकान भोपाल के कोलार इलाके में 600 स्क्वायर फीट में बना हुआ है।

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