नोएडा . महिला IT इंजीनियर को ईरान भेजे जा रहे पार्सल में ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान होने का डर दिखाकर साइबर जालसाजों ने 20 लाख रुपये की ठगी की. ठगों ने उन्हें करीब साढ़े 3 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा. महिला ने इंस्टेंट लोन लेकर जालसाजों के खाते में रकम ट्रांसफर की. पीड़िता के पति ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है.

महिला इंजीनियर के साथ हुई वारदात सेक्टर-82 निवासी मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी IT इंजीनियर हैं. वह इन दिनों घर से ही काम कर रही हैं. बीते दिनों पत्नी के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई. कॉलर ने खुद को फेडेक्स इंटरनेशनल कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताया. साथ ही कहा कि उनके नाम से एक कुरियर ईरान जा रहा है. इसमें ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान है. महिला को मोबाइल पर एक बटन दबाने को कहा गया. कॉल कथित मुंबई साइबर क्राइम के अधिकारियों के पास गई. महिला को उसके खिलाफ केस दर्ज होने की जानकारी दी गई. जालसाजों ने महिला को स्काइप कॉल पर जोड़ लिया. इसके बाद महिला को घर में ही डिजिटल अरेस्ट कर लिया . जेल जाने का डर दिखाते हुए निजी बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लेने को कहा गया. डरी सहमी महिला ने 20 लाख रुपये का इंस्टेंट लोन लिया और खाते में रकम भेज दी. 10 मिनट बाद ठगों ने महिला से संपर्क तोड़ा तो ठगी का पता चला.

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क्या होता है डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल अरेस्ट में ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनका नाम ड्रग तस्करी, मनी लॉड्रिग के केस में आया है और उन्हें घर से बाहर निकलने की अब अनुमति नहीं है. पीड़ित से यह भी कहा जाता है कि वह डिजिटल तौर पर लगातार उनसे यानी ठगों से जुड़े रहेंगे. साथ ही वह इस बारे में अपने परिवार के किसी सदस्य या दोस्त व परिचित को नहीं बता सकते हैं. पीड़ित से पैसों की मांग की जाती है. इस दौरान ठग लगातार फर्जी अधिकारी बनकर वीडियो कॉलिंग के जरिए बात भी करते रहते हैं. पीड़ित डर की वजह से साइबर अपराधियों के झांसे में आकर उनके पास रुपये भेज देता है.