शिवा यादव,सुकमा. जिला पुलिस को माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई है. एक 1 लाख का इनामी, 3 स्थायी वारंटी सहित 20 नक्सलियों ने पुलिस के सामने प्रशासन की रीति नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत सहायता राशि भी दी गई है. आत्मसमर्पित नक्सली कई नक्सली घटनाओं को अंजाम देने में शामिल थे. एसपी सुकमा को नक्सलियों ने बताया कि कारी गुंडम जैसे अति नक्सल प्रभावित ग्राम में भी अब नक्सली समाप्त होने के कगार पर है.
आत्मसमर्पित नक्सलियों में…
- सोड़ी सुरेश उर्फ हांदा (जीआरडी मिलिशिया कमांडर, स्थायी वारंटी, पूर्व कॉटा एलओएस सदस्य, ईनामी एक लाख रूपये छग शासन द्वारा).
- दुधी हड़मा (मिलिशिया डिप्टी कमांडर, स्थायी वारंटी).
- मुचाकी भीमा (जनमिलिशिया सदस्य, स्थायी वारंटी).
- माड़वी हड़मा (जनमिलिशिया सदस्य)
- नुप्पो गंगा (जनमिलिशिया सदस्य)
- वेट्टी जोगा (जनमिलिशिया सदस्य)
- वेट्टी हंगा (भूमकाल मिलिशिया सदस्य)
- मड़कम देवा (झूमकाल मिलिशिया सदस्य)
- सोड़ी देवा डीएकेएमएस सदस्य).
- मड़कम गंगा (डीएकेएमएस सदस्य)
- मड़कम हिड़मा (डीएकेएमएस सदस्य)
- मड़कम गंगा (सीएनएम सदस्य)
- मड़कम देवा (सीएनएम सदस्य)
- मड़कम बुधरा (सीएनएम सदस्य)
- मड़कम कोसी (सीएनएम सदस्या)
- कट्टम पोज्जे (सीएनएम सदस्य)
- सोड़ी हुंगा (सीएनएम सदस्य)
- माड़वी मुया (जीआरडी सदस्य)
- मड़कम हुर्रा (डॉक्टर कमेटी सदस्य)
सभी नक्सली कोंटा एरिया कमेटी अंतर्गत चिंतागुफा क्षेत्र द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में संजय यादव, उप महानिरीक्षक सीआरपीएफ सुकमा, अभिषेक मीना, पुलिस अधीक्षक सुकमा, शलभ सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुकमा के सामने बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया है.
बता दें कि सभी आत्मसमर्पित नक्सली प्रतिबंधित नक्सली संगठन के कोंटा अंतर्गत करीगंडम आरपीसी (जनताना सरकार) अंतर्गत विगत 5-6 सालों से सक्रिय होकर जवानों के विरुध नक्सल गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे.आत्मसमर्पित नक्सलियों ने पूछताछ में बताया कि कई सालों से पुलिस के प्रभावी सर्चिग अभियानों व बढ़ते दवाव व सक्रिय सदस्यों की लगातार गिरफ्तारी औऱ आत्मसमर्पण से करीगुंडम जनताना सरकार बहुत कमजोर हो गया हैं. नक्सलियों को मुलभूत सुविधा देने के लिए कलेक्टर मुलाकात कर समस्याओं का त्वरित निराकरण करने का आश्वासन दिया गया है.
सभी नक्सली पुलिस पार्टी पर फायरिंग करना, ग्रामीणों से मारपीट करना, लूटपाट करने समेत कई हिंसक घटनाओं में शामिल थे. सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत नियमानुसार सहायता भी दिया जाएगा.