मोबाइल फोन का उपयोग एक सकारात्मक पहलू है. लेकिन अगर इसी मोबाइल की लत लग जाए और ये काल बन जाए तो ये मोबाइल का नकारात्मक और खौफनाक पहलू है. वैसे तो किसी भी चीज का एडिक्शन होना नुकसानदायक है. लेकिन फोन और इंटरनेट की लत जिस पर लगभग हर व्यक्ति पूरी तरीके से निर्भर हो चुका है, बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. आज के समय में मोबाइल फोन लोगों को जकड़ चुका है. स्थिति ये है कि अगर मोबाइल ना हो तो पता नहीं लोगों का क्या हो. क्योंकि लोग अब इसके इतने ज्यादा आदि हो चुके हैं कि जरा सी देर के लिए भी यदि मोबाइल दूर हो जाए या कहीं खो जाए तो हाल बेहाल हो जाता है.

ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है. जहां मोबाइल की वजह से 20 साल की एक लड़की ने मौत को गले लगा लिया. फोन से दूर होना लड़की को नागवार गुजरा. मानसिक रूप से मोबाइल और इंटरनेट में जकड़ी लड़की ने फांसी के फंदे पर झुलकर जिंदगी का गला घोंट दिया. अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि लड़की मोबाइल की कितनी आदी होगी. अब आपके मन में सवाल ये होगा कि भला मोबाइल के चलते युवती ने आत्महत्या क्यों कर ली ?

गूगल कमांड दे रहा है…

दरअसल, लड़की की लत को देखकर उसके माता-पिता ने उससे उसका मोबाइल छीन लिया था. उसकी स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि उसे गूगल दिखने लगा था. माता-पिता के मुताबिक जब उन्होंने मोबाइल लिया तो लड़की कहती थी कि उसे गूगल दिखाई देता है और उसे कमांड दे रहा है. लड़की को मनोचिकित्सक के पास ले जाया गया. कई दिनों तक दवाइयां चली. लेकिन गोपीपुरा इलाके में रहने वाले राणा परिवार के ऊपर उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनकी बेटी ने खुदकुशी कर ली.

खाना खाने से मना कर रहा है…

परिजनों के मुताबिक बेटी की मानसिक हालत पिछले कुछ वक्त से ठीक नहीं चल रही थी. उसे मोबाइल का एडिक्शन हो गया था और वह बहकी-बहकी बातें करने लगी थी. जानकारी के मुताबिक बेटी का नाम विशाखा था. मोबाइल के प्रति उसकी लत इतनी बढ़ गई थी कि वह मानसिक रूप से बीमार हो गई. जब परिजनों ने उससे मोबाइल छीन लिया तो वह कहती थी कि उसे गूगल दिखाई दे रहा है. गूगल उसे खाना खाने से मना कर रहा है. गूगल उससे कह रहा है कि मर जाओ.

सेहत में नहीं हो रहा था सुधार

जानकारी के मुताबिक विशाखा गूगल पर फेस एक्सरसाइज भी कर रही थी. इसी दौरान उसका चेहरा भी मुड़ गया था. इसके बाद वह तेज-तेज रोने लगी थी. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ. उसका पिछले दो महीनों से मनोचिकित्सक से इलाज कराया जा रहा था. इसके बाद ही परिजनों ने एक महीने पहले उससे उसका मोबाइल ले लिया था. जब परिजन किसी कार्यक्रम में उसे घर में छोड़कर गए तो अकेलेपन का फायदा उठाकर लड़की ने फांसी लगा ली.

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