Amazon और फ्यूचर कूपन के बीच चल रही कानूनी लड़ाई में अमेजन को करोड़ो की चपत लगी है. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट (एनसीएलएटी) ने CCI के खिलाफ एमेजॉन की याचिका खारिज कर दी है. इस मामले में NCLAT ने Amazon पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. NCLT ने इस सौदे को निलंबित करने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आदेश को बरकरार रखते हुए अमेजन को 45 दिनों के भीतर 200 करोड़ रुपये जुर्माना भरने को कहा है.

क्या है पूरा मामला जानिए

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल दिसंबर में, सीसीआई ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अमेजन द्वारा किए गए सौदे के लिए 2019 में उसके द्वारा दी गई मंजूरी को निलंबित कर दिया था और साथ ही 200 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

अमेजन इस मामले को अक्टूबर, 2020 में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में लेकर गई थी तब से दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई है. अमेजन का कहना है कि एफआरएल ने रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये का बिक्री करार कर 2019 में उसके साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन किया है.

Amazon ने किया एफडीआई कानूनों का उल्लंघन

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेजन ने सरेआम एफडीआई कानूनों का उल्लंघन किया है और फ्यूचर रिटेल के अप्रत्यक्ष अधिग्रहण के साथ अवैध रूप से मल्टी ब्रांड रिटेल ट्रेड क्षेत्र में प्रवेश किया है जो गैर कानूनी है. कंपनी द्वारा लगातार प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं और कानून के उल्लंघन पर कैट पिछले अनेक वर्षों से लगातार आवाज उठा रहा है जिनमें लागत से कम मूल्य पर माल बेचना, भारी डिस्काउंट देना, इन्वेंट्री का नियंत्रण अपने पास रखना जैसी गलत व्यापारिक प्रथाएं शामिल हैं. मोर रिटेल लिमिटेड और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के अधिग्रहण के माध्यम से अमेजन ने यह कोशिश की है जिसको रोका जाना बेहद जरूरी है. उम्मीद है कि केंद्र एवं राज्य सरकारें इस पर कठोर कदम उठाएंगी.

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