सुप्रिया पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अपने स्थापना के 20 वर्ष पूरा कर चुका है. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य बनाने के पीछे न जाने कितनों ने संघर्ष किया, कई लोगों ने यातनाएं सही, तब जाकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ. छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना को लेकर जागेश्वर प्रसाद ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने साल 1965 से छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना तक लगातार आंदोलन किया.
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 20 वर्ष के अवसर पर जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य बनाने की जरूरत क्यों पड़ी, इसे समझना जरूरी है. छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधन से संपन्न है. पूरे मध्यप्रदेश का 65 प्रतिशत राजस्व अकेला छत्तीसगढ़ देता था. लेकिन इसके बावजूद भी छत्तीसगढ़ के लोगों का शोषण होता था. उपेक्षा होती थी और दमन होता था. इन्हीं 3 कारणों के चलते छत्तीसगढ़ राज्य की परिकल्पना सर्वप्रथम पंडित सुंदरलाल शर्मा ने की. इसके बाद डॉ. खूबचंद बघेल ने छत्तीसगढ़ सभा का आयोजन किया था.
1965 में छत्तीसगढ़ समाज पार्टी की स्थापना
जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि सही मायने में छत्तीसगढ़ राज्य के मूल उद्देश्य को लेकर 16 मई 1965 से छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी (छसपा) की स्थापना हुई. उसी दिन से प्रथम छत्तीसगढ़ी अधिवेशन रायपुर के आरडी तिवारी स्कूल में आयोजित किया गया था. वहां छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का शंखनाद किया गया. जिसके बाद साल 1965 से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ राज्य नहीं बना तब तक लगातार आंदोलन जारी रहा. राज्य निर्माण को लेकर छत्तीसगढ़ के हर गांव, कस्बे, ब्लॉक जिला मुख्यालय में हजारों बैठक, सम्मेलन, रैली और प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही चक्काजाम, रेल रोको, जेल भरो आंदोलन भी किया गया. जिसमें हजारों लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई.
राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
16 जनवरी 1967 को सर्वप्रथम राष्ट्रपति को मांग पत्र प्रेषित किया गया था. जिसमें 5 हजार से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किया था. यह प्रस्ताव रायपुर के ईदगाहभाटा में आयोजित आमसभा में पास किया गया. सभा की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ी समाज के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय रामानंद शुक्ला ने की. लगातार आंदोलन के बाद 24 जुलाई 2000 को सर्वप्रथम छसपा ने दिल्ली में संसद मार्च रैली का आयोजन किया. जिसमें 8 हजार से ज्यादा लोगों ने शिरकत की थी. इसमें से करीब 5 हजार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
इस प्रदर्शन और गिरफ्तारी के दबाव में आकर केंद्र शासन ने आश्वासन दिया था कि 48 घंटे में विधेयक पेश करेंगे और 31 जुलाई को केंद्र सरकार ने संसद में चर्चा कर छत्तीसगढ़ को नया राज्य बनाने के लिए विधेयक पास किया. 1 नवम्बर को छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ.
अब भी है सुधार की जरूरत
जागेश्वर प्रसाद बताते हैं कि छत्तीसगढ़ की स्थापना प्रदेश को शोषण मुक्त करने की थी, जिस उद्देश्य को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य बनाया गया यहां की सरकारों ने वैसा काम नहीं किया. हर हाथ में काम, हर खेत मे पानी, नारी को सम्मान ये तमान चीजे छत्तीसगढ़ को मिलनी चाहिए, जब तक ये नहीं होगी हमारा आंदोलन जारी रहेगा.