वीरेंद्र कुमार, दरभंगा। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) सदर से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां फैमिली प्लानिंग सर्जरी (नसबंदी) कराने आई महिलाओं को बेड उपलब्ध नहीं कराया गया और ऑपरेश के बाद उन्हें फर्श पर ही लिटा दिया गया। यह दृश्य स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों और सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

पीएचसी में आज फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन के बाद कई महिलाओं को आराम के लिए उचित व्यवस्था नहीं दी गई। उन्हें जमीन पर लिटाया गया। यहां तक की इस ठंड के मौसम में महिलाओं को बेड, कंबल भी नहीं मुहैया कराया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा करोड़ों रुपये की योजनाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसी तस्वीरें प्रशासन और विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाती हैं।

मौके पर मौजूद ड्यूटी डॉ दीपक कुमार से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, कुल 22 महिलाओं का फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन किया गया है। सभी महिलाओं को गद्दा दिया गया है और अस्पताल की ओर से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं।

डॉक्टर ने बताया कि ठंड के मौसम में फैमिली प्लानिंग ऑपरेशनों की संख्या बढ़ जाती है,जबकि स्थान की कमी के कारण केंद्र कन्जेस्टेड हो जाता है। उन्होंने कहा कि “बेड होते तो मरीजों को और बेहतर सुविधा दी जा सकती थी, लेकिन फिलहाल गद्दे मुहैया कराए गए हैं।हम सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं।

डॉ दीपक ने यह भी स्पष्ट किया कि निरीक्षण में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं है, लेकिन बेड की कमी के कारण मरीजों को नीचे गद्दों पर लिटाया गया है। उन्होंने तुरंत व्यवस्था सुधारने का आश्वासन दिया। डॉक्टर भले ही सभी सारी सुविधाएं होने की बात कह रहे हों, लेकिन पीएचसी से जो तस्वीरें सामने आई है वह कुछ और ही बयां कर रही हैं। पीएचसी में महिलाओं को फर्श पर लिटाने की यह तस्वीर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है।

क्या अस्पताल में बेड की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है? क्या बढ़ते ऑपरेशनों को देखकर पहले से तैयारी नहीं की गई? और सबसे बड़ा सवाल मरीजों की गरिमा और सुविधा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कौन निभाएगा?

स्थानीय लोग और मरीजों के परिजन इस मामले में उच्चस्तरीय कार्रवाई और व्यवस्था सुधार की मांग कर रहे हैं। यह घटना स्वास्थ्य विभाग में व्यवस्थागत कमियों और संसाधनों की कमी को उजागर करती है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।

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