रमेश सिन्हा,पिथौरा. स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के आह्वान पर ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे है. संघ के जिला मीडिया प्रभारी अमित अवस्थी ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक कैडर पिछले 12 वर्षो से वेतन विसंगति से जूझ रहा है. संघ द्वारा लगातार शासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया, लेकिन मांगो के संबंध में कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है.

बता दें कि संघ ने वेतन विसंगति की मांग को लेकर 26 अक्टूबर 2015 से 5 नवम्बर 2015 तक अनिश्चितकालीन आंदोलन किया गया था. इसके बाद संघ द्वारा दिनांक 17 जुलाई 2018 को प्रदेश स्तर पर एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल कर सरकार को संघ की मांगों पर विचार करने का समय दिया गया था. पर सरकार की उदासीनता के चलते संघ अपनी जायज मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य हुआ. वर्ष 2015 में संघ के अनिश्चितकालीन हड़ताल को सरकार के आश्वासन पर खत्म किया गया था.

वर्ष 2015 के अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद वेतन विसंगति दूर करने के लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव शासन को भेजा गया. 3 माह में इस मांग के संबंध में कार्यवाही होने का आश्वासन संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा दिया गया था. आज 3 वर्ष पश्चात भी शासन द्वारा मांगों के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया. इसके कारण पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश है.

संघ के प्रांताध्यक्ष संध्या मोवले ने बताया कि संघ अपनी मांगों को लेकर इस माह 17 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल किया. उसके बाद भी शासन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने को तैयार है. पूरे प्रदेश के कर्मचारियों के आंदोलन में जाने से भारत सरकार की बहुत बड़ी महत्वकांक्षी योजना मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान नहीं हो पायेगा. जिससे प्रदेश के 82 लाख बच्चे इस टीके से वंचित हो जाएंगे. साथ ही साथ प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरो में ताला लग जायेगा.

इतना ही नहीं इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी-बुखार, उल्टी-दस्त आदि रोगों का उपचार नहीं होने से महामारी की स्थिति निर्मित हो जाएगी. गर्भवती माताओं की जांच, गैर संचारी रोगों की जांच, परिवार कल्याण के कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, मिशन इंद्रधनुष अभियान जैसे 28 राष्ट्रीय कार्यक्रम पूरी तरह से बाधित हो जाएंगे. जिसकी पूरी जवाबदेही शासन-प्रशासन की होगी. जि