कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर रियासत के तत्कालीन महाराज स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की आज 23वीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर ग्वालियर में कटोराताल स्थित सिंधिया रियासत की छत्री पर माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पर सभी समाज धर्म के लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस और भाजपा नेताओं में माधवराव सिंधिया को अपना बताने की होड़ भी देखने मिली। स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि के बहाने ग्वालियर में जमकर सियासत हो रही है।
ग्वालियर में मनाई गई पुण्यतिथि
स्व. माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि ग्वालियर में मनाई गई। इस दौरान कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार, कांग्रेस जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तो वहीं भाजपा के जिला अध्यक्ष अभय चौधरी,ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित तमाम नेता भी उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे। इस दौरान भजन कीर्तन का कार्यक्रम भी हुआ।
बीजेपी के माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि मनाने पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि मनाने पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने कहा कि माधवराव सिंधिया कांग्रेस के सच्चे सिपाही थे और एक कर्मठ कार्यकर्ता थे। उन्होंने हमेशा सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और ग्वालियर चंबल अंचल को विकास के रास्ते पर लाकर खड़ा किया। उनकी आखिरी सांस भी कांग्रेस के लिए समर्पित रही। लेकिन बीजेपी अब उनके नाम को हाईजैक करने की कोशिश कर रही है। जबकि उनकी लड़ाई भाजपा के खिलाफ ही रही है।
ऊर्जा मंत्री ने माधवराव सिंधिया को बताया देश का सर्वमान्य नेता
माधवराव सिंधिया को श्रद्धांजलि देने पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि माधवराव सिंधिया देश के सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने सदैव लोगों की भलाई के लिए काम किया। उनका स्थान दलगत राजनीति से ऊपर था। इसलिए उनके प्रति पूरे ग्वालियर की श्रद्धा है और यही वजह है कि आज उन्हें श्रद्धांजलि देने बीजेपी के तमाम नेता आए हैं।
विमान दुर्घटना में हुआ था माधवराव सिंधिया का निधन
आपको बता दे कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया का 30 सितंबर 2001 में एक विमान दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में दुखद निधन हुआ था। स्वर्गीय माधव सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता कहे जाते थे। उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी कांग्रेस के लिए ली थी। यही वजह है कि कांग्रेस उन्हें अपना नेता मानती है।
सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी मनाने लगी माधवराव की जयंती
वहीं दूसरी तरफ जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन की है, तब से बीजेपी के नेता भी माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि और जयंती मनाने लगे हैं। बस यही बात कांग्रेस को नागवार गुजरती है। दोनों ही दल के नेता माधवराव को अपना-अपना बताते हैं। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या अच्छे जनप्रतिनिधि भी किसी दल की छाप तक सीमित रखते हैं?
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