पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। धान की फसल अभी खेतों से कटी नहीं है, लेकिन फिर भी धानों की सैकड़ों बोरियां घरों में पहुंच गई हैं. सुपेबेडा में 4 घरों से 243 बोरी धान के अलावा ओडिशा से 65 बोरा धान लाते कैठपदर बॉर्डर पर पकड़ा गया है. LALLURAM.COM ने 21 अक्टूबर को ही प्रशासन को ओडिशा से लाकर बॉर्डर इलाके के गांव में डंप हो चुके धान की जानकारी दे दी थी. धान खरीदी निकट आते ही देवभोग प्रसाशन अलर्ट मोड पर आ गया है.

एसडीएम अर्पिता पाठक ने गुरुवार और शुक्रवार को राजस्व, पंचायत और पुलिस के साथ मिलकर पुख्ता सूचना पर कार्रवाई की है. अकेले सुपेबेड़ा में 4 घरों में छापेमारी कर प्रसाशन ने 243 बोरी धान जब्त किया है.

वहीं ओडिशा सीनापाली ब्लॉक से कैठपदर लाए जा रहे 65 बोरा धान को पिकअप समेत जब्त भी किया गया है. एसडीएम पाठक ने बताया कि घरों में डंप धान की सूचना मिलने के बाद पटवारी से परिक्षण कराया गया है, जिन-जिन किसानों के घर में धान मिला उनके खेतों में फसल खड़ी पाई गई, तब जाकर कार्रवाई हुई है.

कार्रवाई की सही समय
पिछली बार की तुलना में इस बार एक माह पहले ही खरीदी शुरू हो रही है. ओडिशा में धान कट कर तैयार है, लेकिन देवभोग में कटाई अभी शुरू हो रही है. कमजोर उत्पादन और रकबा बढाने वाले लोग ओडिशा से धान लाने में जल्दबाजी कर गए हैं.

सुपेबेडा कि तरह निष्टिगुड़ा ,गोहरापदर, तुवासमाल, नागलदेही, दर्लीपारा, धुपकोट, सुकलीभांठा, सीनापाली, कैटपदर, बरकानी, सरगीगुडा, धोबनमाल,ढोर्रा, मुचबहाल, खोखसरा, थिरलीगुड़ा, सुपेबेडा, दीवानमुड़ा, झीरीपानी, उरमाल, मंगररोड़ा, धौराकोट में अब तक 10 हजार बोरे से भी ज्यादा धान अलग अलग घरों में डंप किया जा चुका है.

सूत्रों का दावा है कि इसकी जानकारी ग्राम कोटवारों को भी है. ज्यादातर डंपिंग उन्ही की मिलीभगत में है. खबर यह भी है कि नांगलदेही इलाके का एक वाहन सर्व सुविधा सम्पन्न कोटवार खुद इस काम को अंजाम दे रहा है. प्रसाशन धान कटाई के पहले ताकत झोंक देती है तो घरों में डंपिंग धान की कलई खुल जाएगी.

इस बार ऊंचे दाम पर बिक्री शुरू
सरकार ने इस बार समर्थन मूल्य 2800 कर दिया तो 1200 में शुरुआती रेट में बिकने वाला ओडिशा का धान 1500 से शुरू हो गया. उत्पादन की स्थिति कोचियों को पता है. ऐसे में धान के रेट को भी अब ऊंचा कर दिया गया. पिछली बार अंतिम समय में 1900 बिका था. इस बार नवम्बर माह से ही ओडिशा का धान 2000 से ज्यादा कीमत पर बिकेगा. कीमत बढ़ने के कारण भी फसल कटाई से पहले कई लोगो ने सस्ते के चक्कर मे धान बुक करा लिया है.

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