वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। जांजगीर जिले के नवागढ़ विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चौरभाठा में मध्याह्न भोजन खाने के बाद 25 बच्चे फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। भोजन करते ही बच्चों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हो गई। इस लापरवाही को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग से जवाब मांगा था। सरकार की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि प्रधानपाठक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही निर्देश जारी किया गया है कि मध्यान्ह भोजन को बिना चखे बच्चों को नहीं परोसा जाएगा।
गौरतलब है कि स्कूल में मध्याह्न भोजन के अंतर्गत राहुल स्वसहायता समूह द्वारा खीर-पूड़ी परोसी गई थी। नियमानुसार भोजन परोसने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच शिक्षकों को की जानी थी, लेकिन बिना जांच के भोजन सीधे बच्चों को परोस दिया गया। भोजन करने के कुछ ही समय बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। स्थिति गंभीर होते देख शिक्षकों एवं पालकों ने बच्चों को नवागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां 4 बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लिया था।

21 जनवरी को अगली सुनवाई
शासन ने जवाब में कहा कि नियम 2015 के तहत दिए जाने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता की जांच करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। लोक शिक्षण संचालनालय ने इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है। शासन की ओर से कोर्ट काे बताया गया कि मिड-डे मील के वितरण में सावधानी बरती जा रही है, जिससे कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। कोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई से पहले शपथ पत्र दाखिल करने कहा है। इसमें बीमार बच्चों के स्वास्थ्य प्रगति के बारे में बताना होगा। अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी।
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