शिखिल ब्यौहार, राकेश चतुर्वेदी/ भोपाल। 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था। केंद्र सरकार ने इस दिन संविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित कर दिया है। इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। वहीं इस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक प्रयास बताया है। वहीं राजयसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी इस पर बयान दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया ऐतिहासिक फैसला
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने का समर्थन किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, भारत सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय करोड़ों भारतीयों की आवाज को मुखर करते हुए उनके संघर्ष को नमन करने का ऐतिहासिक प्रयास है। इस निर्णय के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का ह्रदय से अभिनंदन करता हूं।दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के कलंकित अध्याय ‘आपातकाल’ से भारत के नागरिकों की आवाज का क्रूरता से दमन करते हुए प्रगति को बाधित किया गया था। यह दिवस संपूर्ण भारत को लोकतंत्र की मजबूती और रक्षा की प्रेरणा देगा।
काले अध्याय के बारे में याद दिलाता रहेगा: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को SamvidhaanHatyaDiwas मनाने का निर्णय आने वाली पीढ़ियों को आपातकाल की क्रूर यातनाओं और उत्पीड़न के काले अध्याय के बारे में याद दिलाता रहेगा।
यह निर्णय आपातकाल का विरोध कर भारतीय लोकतंत्र को मजबूती देने वाले प्रत्येक लोकतंत्र सेनानी के प्रति सरकार के सम्मान को प्रदर्शित करता है। आपातकाल का विरोध करने पर जेलों में डाले गये लोगों के संघर्ष, दुःख, बलिदान और त्याग की गाथा कभी भुलाई नहीं जा सकती।
मुझे भी आपातकाल के समय 17 वर्ष की आयु में जेल भेजा गया था। आज भी उन दिनों की क्रूरतम यातनाओं को याद कर हृदय में सिहरन दौड़ जाती है। लोकतंत्र और संवैधानिक प्रक्रिया पर कुठाराघात के प्रतीक आपातकाल के विरोध में संघर्ष करने वाले सभी लोकतंत्र सेनानियों को नमन करता हूं, लोकतंत्र के इन प्रहरियों का संघर्ष लोगों को सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
विवेक तन्खा ने कसा तंज
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि बीजेपी की यह हताशा है जो इतने पुराने मुद्दे को उठा रही है। केंद्र सरकार के फैसले पर मुझे आश्चर्य हुआ। बीजेपी की यह हताशा है जो इतने पुराने मुद्दे को उठा रही है। मैं उस परिवार का हूं जिसने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई थी। 50 साल बाद हम आपातकाल की बात करेंगे तो भारत को कैसे सुपर पावर बना पाएंगे। यह बीजेपी की हताशा है, वह यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि लोगों ने उन पर विश्वास नहीं किया।
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