नई दिल्ली . दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 26 शोधकर्ताओं ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की शीर्ष 2 फीसदी वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित वैश्विक सूची में स्थान हासिल किया है. स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रख्यात प्रोफेसर जॉन आयोनिडिस के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा तैयार और एल्सेवियर बीवी द्वारा प्रकाशित यह सम्मानित सूची है.
जेएमआई की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने कहा, “यह उपलब्धि जामिया में अपनाए गए असाधारण शोध मानकों को दर्शाती है. यह हमारे विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता के वैश्विक पटल पर स्थापित करती है और हमें बेहद गर्व से भर देती है.”
करियर-लॉन्ग डेटा सूची में शामिल हैं ये नाम
दरअसल, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की सूची में भारत के लगभग 3,500 शोधकर्ताओं को शामिल किया गया है, जो वैश्विक अनुसंधान की दुनिया में देश के विद्वतापूर्ण प्रयासों के महत्वपूर्ण प्रभाव का प्रतीक है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस मामले में दो सूचियां जारी की है. एक करियर लॉन्ग डेटा पर आधारित है और दूसरी वर्ष 2022 में शोधकर्ताओं के प्रदर्शन पर केंद्रित है. करियर-लॉन्ग डेटा श्रेणी में आठ जामिया प्रोफेसर ने अपना स्थान सुरक्षित किया है. इनमें प्रो. इमरान अली, प्रो हसीब अहसान, प्रोफेसर सुशांत घोष, प्रो. अतीकुर रहमान, प्रो. अंजन ए.सेन, प्रो. अहमद शरीफ, प्रो. अहमद तोकीर और प्रो. इस्लाम तारिकुल शामिल हैं.
वर्ष 2022 प्रदर्शन श्रेणी में प्रोफेसर और पीएचडी सहित प्रभावशाली 26 वैज्ञानिक व जामिया के स्कॉलर्स को मान्यता दी गई है. यह मान्यता 96,17,763 से अधिक शीर्ष वैज्ञानिकों के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटाबेस पर आधारित है. इसमें उद्धरण, एच-इंडेक्स, विभिन्न लेखक पदों पर कागजात के उद्धरण और एक समग्र संकेतक पर मानकीकृत जानकारी शामिल है. स्टैण्डर्ड साइंस-मेट्रिक्स वर्गीकरण के अनुसार वैज्ञानिकों को 22 वैज्ञानिक क्षेत्रों और 174 उप-क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है. कम से कम पांच पेपर वाले सभी वैज्ञानिकों के लिए फील्ड और उप-फील्ड विशिष्ट प्रतिशत भी प्रदान किए जाते हैं.
JMI इस पर देता है जोर
इस उपलब्धि में विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जेएमआई सी-स्कोर उत्पादकता (प्रकाशनों की संख्या) के बजाय इम्पेक्ट (साइटेशन) पर ध्यान केंद्रित करता है. इसमें को-ऑथरशिप और ऑथर पोजीशन (एकल, प्रथम, अंतिम लेखक) पर जानकारी भी शामिल होती है.