अजय नीमा, उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में आज गुरुवार को श्रावण माह शुक्ल पक्ष दशमी तिथि पर तड़के 3 बजे भस्म आरती के दौरान मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान की कर्पूर आरती के बाद जल से भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, फलों के रस से पंचामृत अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। बाबा महाकाल का चंदन और विभिन्न प्रजाति के पुष्प और बिल्व पत्र से आकर्षक श्रृंगार किया गया। सैकड़ों लोगों ने अल सुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल होकर पुण्य लाभ कमाया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा।

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श्रावण माह होने के कारण भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भस्म आरती का पुण्य लाभ उठा रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में कावड़ यात्री बाबा महाकाल को जल चढ़ाने भी पहुंच रहे हैं। कावड़ियों के जल चढ़ाने का क्रम भी सुबह से शुरू हो गया था। विभिन्न जगहों से कांवड़ में जल लेकर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। सभी लाइन में लगकर बारी बारी से जलाभिषेक कर रहे थे। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगा रहे थे। पूरा मंदिर बाबा की जयकारे से गुंजायमान हो रहा था।

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