गाजियाबाद. नंदग्राम थानाक्षेत्र में भाई-बहन और उनके रिश्तेदार की रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर जालसाजों ने 28 लाख रुपये हड़प लिए. आरोपियों ने जाल में फंसाने के लिए अपना रेलवे का आई-कार्ड भी दिखाया. इसके बाद एक युवक को कोलकाता में बुलाकर ट्रेनिंग कराई और फर्जी प्रमाण-पत्र थमा दिया. काफी समय बीतने के बाद भी ज्वाइनिंग लैटर न मिलने पर पीड़ितों को ठगी का पता चला. पीड़ित पक्ष ने कोर्ट के आदेश पर दो आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है.

 नूर नगर सिहानी में रहने वाले सुशांत का कहना है कि वर्ष 2017 में नूर नगर सिहानी निवासी ओम वर्मा ने उसकी मुलाकात जिला चंदौली के गांव ग्राम सकल दीहा निवासी पवनेश से कराई थी. उस दौरान पवनेश कुमार ने खुद को रेलकर्मी बताते हुए रेलवे के बड़े अधिकारियों से अपनी जान-पहचान होने का दावा किया था. इसके बाद पवनेश कुमार ने उसकी नौकरी रेलवे में लगवाने की बात की और उसे रेलवे की ट्रेनिंग के लिए कोलकता बुलाया. इस दौरान वह अपने दोस्त विकास शर्मा निवासी नूर नगर सिहानी को भी ले गया था. ट्रेनिंग के दौरान पवनेश कुमार के साथ उसका एक साथी मेवा लाल पांडे निवासी सकल दीहा चंदौली भी मिला. दोनों ने उसकी रेलवे की ट्रेनिंग करवाई और प्रमाण-पत्र भी दिला दिया. इस पर उसे यकीन आ गया कि दोनों की सेटिंग रेलवे विभाग में ठीक-ठाक है. सुशांत का कहना है कि इस दौरान पवनेश कुमार ने रेलवे की आईडी भी दिखाई, जिसमें उसकी ड्यूटी हावड़ा स्टेशन पर दर्शाई गई थी.