रायपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. राजस्थान के कोटा में फंसे छात्र अपने ही साधन और वाहनों की बुकिंग कर घर की ओर निकल पड़े हैं. जबकि सरकार ने उन्हें वही रुकने के लिए कहा है और खाने पीने की व्यवस्था कराने की बात कही है. इसके बावजूद बच्चे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
दरअसल राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा को पार कर 29 छात्र छत्तीसगढ़ पहुंच गए है. जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन्हें कहीं भी रोका नहीं गया. ये छात्र छुपते और बचते हुए कई हॉट स्पॉटों को लांघ कर प्रदेश की सीमा तक पहुंच गए है. जिसमें से बिलासपुर के 14 और बलौदाबाजार के 15 छात्र शामिल हैं. ये सभी छात्र राजस्थान के कोटा में पढ़ाई करने गए थे.
इंदौर के मालवा के रास्ते छतीसगढ़ की सीमा पर पहुंचे छात्रों को बार्डर पर ही रोक दिया गया है. छात्रों का पहले विधिवत चेकअप किया गया. उसके बाद छात्रों को 14 दिनों के लिये क्वेरेंटइन किया गया है. दो राज्य की सीमा को पार कर पहुंचे छात्रों को फिलहाल उनके घर जाने की इजाजत नहीं मिली है. सभी छात्रों को बिलासपुर और बलौदाबाजार में ही क्वेरेंटइन सेंटर बनाकर आइसोलेशन पर रखा गया है.
बड़ा सवाल यही है कि दो राज्यों की सीमा को पार कर ये छात्र छत्तीसगढ़ कैसे पहुंचे ? क्योंकि इन दोनों राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है. वहां की पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी पर सवाल उठ रहे है ? हालांकि प्रशासन इसकी जांच कर रही है.
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बातचीत कर कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्रों की जानकारी ली थी. सभी छात्रों को वही रखने और खाने पीने की उचित व्यवस्था करने की बात कही थी. सीएम गहलोत ने इसके लिए सीएम भूपेश को अस्वस्त भी किया था.