पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. तेंदुए की खाल बेचने के फिराक में घूम रहे ओडिशा के 3 आरोपियों को उदंती सीतानदी अभ्यारण्य की एंटी पोचिंग टीम ने धर दबोचा. बता दें कि 27 नवंबर को उदंती सीतानदी अभ्यारण्य की एंटी पोचिंग टीम को सूचना मिली थी कि बीरीघाट क्षेत्र में कुछ संदिग्ध तेंदुए की खाल को बेचने ग्राहक तलाश रहे. इस सूचना पर टीम ने तेंदुए की खाल के साथ तीन आरोपियों को हिरासत में लिया.
अभ्यारण्य प्रशासन ने आज प्रेस नोट जारी कर बताया कि आरोपी कार्तिक गोड 45 वर्ष उसका बेटा गोरांगो गोड 23 वर्ष के अलावा उपेंद्र रावत 25 वर्ष को खाल के साथ हिरासत में लिया गया. तीनों आरोपी ओडिशा चंदाहांडी थाना क्षेत्र के चकामाल ग्राम के निवासी हैं. उपनिदेशक वरुण जैन के मार्गदर्शन में टीम का नेतृत्व कर रहे उदंती अभ्यारण्य के सहायक संचालक गोपाल कश्यप ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि तेंदुए को जहर देकर मारा गया.
शिकार के मामले में अन्य और आरोपी है, जिसकी पतासाजी की जा रही है. कश्यप ने कहा कि पेशेवर इन तस्करों के निशानदेही पर आगे की पड़ताल जारी है. आगे बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है. आरोपियों के विरूद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही कर 28 को देवभोग न्यायालय में पेश किया गया, जहां से तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया. इस अभियान में सुशील सागर रेंजर इंदागांव, चंद्रबली ध्रुव उपनोडल अधिकारी, राकेश मार्कडेय, चूरामन धृत लहरे, ओमप्रकाश राव, फलेश्वर दीवान, ऋषि ध्रुव समेत अन्य वन कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा.
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