अनिल मालवीय, इच्छावर (सीहोर)। इछावर में लावारिश मवेशियों को आश्रय देने के लिए जनपद क्षेत्र में 9 गौशाला बनाने में 3 करोड़ फूंक दिये गये। बावजूद इसके सिर्फ 3 ही चालू है। वहीं 4 गौशाला बंद पड़े हुए। जबकि 2 का तो निर्माण अबतक अधूरा है। नतीजा मवेशी हाइवे पर और गौशाला बने शोपीस बने हुए हैं। सड़कों पर मवेशियों का झुंड 24 घंटे विचरण करता करता है। इसके कारण लगभग हर दिन लोग हादसे के शिकार हो रहे हैं।

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स्टेट हाइवे पर जगह-जगह झुंड बनाकर बैठ और घूमते आवारा मवेशी लोगों के साथ-साथ वाहन चालकों की जान के दुश्मन बने हुए हैं। इन मवेशियों के कारण आए दिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है। अचानक वाहन के सामने आ जाने के कारण कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। वहीं इस समस्या को लेकर न तो प्रशासन गंभीर है। न ही हाइवे प्रबंधन द्वारा कोई कदम उठाएं जा रहे हैं।

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नगर सहित अंचल के कई गांव आवारा मवेशियों से खासे परेशान हैं। हाइवे को जोड़ने वाली नगर की मुख्य सड़कों पर अवारा मवेशियों का कब्जा है। इनके कारण जहां यातायात प्रभावित हो रहा है। वहीं दुर्घटनाएं भी बढ़ी है। इछावर से नसरूल्लागंज हाइवे पर तहसील कार्यालय बस स्टैंड से मंडी तक बोरदी नादान लाड़कुई आदि में रोड़ पर पूरे दिन मवेशियों के झुंड देखे जा सकते है।

रात में यमराज बन जाते हैं

रात में तो मवेशियों का झुंड वाहन चालकों के लिए यमराज साबित हो रहे हैं। रात के अंधेरे में मवेशियों का झुंड सड़कों पर बैठे रहते हैं। अंधेरा होने के कारण चालकों को दिख पाते हैं। इससे वाहन चालक इनसे टकराकर हादसे के शिकार हो जाते हैं। यही हाल दीवडिया-रामनगर, भाउखेड़ी-ब्रिजिशनगर सड़कों की भी है। इन पर मवेशी जगह- जगह झुंड बनाकर बैठे रहते है। खासकर बारिश का मौसम होने के कारण यह सड़क के बीचों बीच ही आकर बैठे रहते हैं

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इन इलाकों में मवेशियों का ज्यादा आतंक

नगर के मुख्य हाइवे के अलावा चौक बाजार, पान चौराहा, थाना मोडॉ, सब्जी बाजार, बस स्टैंड पर आवारा मवेशियों का आतंक है। रात में वाहन के आने पर अचानक यह सामने का जाते है। इससे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहें है। जबकि कई लोग मवेशियों से हादसे के कारण अपनी जान भी गवा चुके है। इसके बावजूद कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहें है।

4 बंद 2 का निर्माण कार्य अधूरा

मवेशियों को आश्रय देने के लिए क्षेत्र की 9 ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण किया गया है। इनके निर्माण के लिए करीब 3 करोड़ 3 लाख रुपये की राशि खर्च हो चुकी है। इनमें लसूडिया कांगर, भाउखेड़ी और खेरी गौशाला ही चालू है। वहीं जमोनिया, हटेसिंह सतपीपलियां, आमलारामजीपुरा और तोरनियां की बंद है। इसके अलावा गूण्डला और बावडिया गोसाई पंचायत में लंबे समय बाद भी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।

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पिछले 1 महीने में चार लोगों की हो चुकी है मौत

मवेशियों की टक्कर से कई लोग जान भी गंवा चुके हैं। पिछले दिनों स्टेट हाइवे पर धमाचौकड़ी करने वाले दो लोगों की मौत मवेशियों की टक्कर से हो गई थी। वहीं करीब 1 माह पहले इछावर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक अमरचंद शर्मा बाईक से अपने एक साथी छदामी लाल के साथ नसरुल्लागंज जा रहे थे। इसी दौरान गुराडी जोड़ के समीप उनकी बाईक के सामने अचानक एक मवेशी आ गई। इससे वाहन टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में आरक्षक की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं उनके साथी की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। इसी प्रकार कई अन्य हादसे भी हो चुके हैं। जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। जबकि छोटे-मोटे हादसे लगभग हर दिन होते हैं। बावजूद इसके अधिकारी और जनपद ध्यान नहीं दे रहा है।

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