मनोज उपाध्याय/एनके भटेले/वेंकटेश द्विवेदी, मुरौना/भिंड/सतना। मुरैना में 3 बच्चियों की नदी में डूबने से मौत हो गई। तीन बच्चियां एक ही परिवार की थी। वहीं भिंड में 10वीं बोर्ड परीक्षा में फेल होने पर छात्र ने फांसी लगा ली। जबकि सतना के केजेएस सीमेंट प्लांट में मजदूर की मौत हो गई। मजदूर की मौत से घबराए फैक्ट्री प्रबंधन ने लाश को फैक्ट्री परिसर से निकालकर तुरंत सिविल अस्पताल ले गए, डॉक्टरों ने मजदूर को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन शव को अस्पताल में ही छोड़कर भाग निकले।
मुरैना जिले के सबलगढ़ विधानसभा के ग्राम रहू गांव में केवट परिवार की 3 बच्चियों की नदी में डूब गई। सूचना थाना प्रभारी केके सिंह के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। ग्रामीण ओर पुलिस की मदद से 2 बच्चियों के शव को पानी से बाहर निकाला। रात होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं किया गया। वहीं तीसरी बच्ची की तलाश आज सुबह से जारी है। मृतक बच्चियों में अनुसुइया केवट पुत्री चंद्रभान केवट उम्र 12 वर्ष और सुहानी केवट पुत्री हरिनारायण केवट 13 वर्ष का शव मिल चुका है। वहीं साधना पुत्री भरोषी उम्र 12 वर्ष की तलाश जारी है।
भिण्ड ज़िले के गोहद में 10वीं बोर्ड परीक्षा में फेल होने से आहत छात्र ने मंदिर में लगे पेड़ पर फाँसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मध्यप्रदेश बोर्ड परीक्षाओं के नतीजों से जहां छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर प्लानिंग कर रहे हैं। वहीं भिण्ड ज़िले के गोहद में परीक्षा में फेल होने से आहत एक छात्र ने मंदिर में लगे पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
जानकारी के मुताबिक़ भिण्ड के गोहद कस्वे में वार्ड क्रमांक-11 बड़े बाजार में रहने वाले छात्रअंकित कटारे ने 10वीं बोर्ड परीक्षा दी थी। परीक्षा का रिज्लट शुक्रवार को जारी हुआ। परीक्षा परिणाम में 15 वर्षीय अंकित गोहद फेल हो गया। मॉतक अंकित गोहद के शासकीय मॉडल स्कूल में कक्षा 10 वीं का छात्र था। शुक्रवार को जब एमपी बोर्ड के हाई स्कूल परीक्षा के परिणाम घोषित हुए तो अपना रिज़ल्ट देखने के बाद वह काफ़ी निराश था। वह परीक्षा परिणामों में फेल हो गया था। रिज़ल्ट देखने के बाद अंकित हथियापोर मंदिर वार्ड क्रमांक 12 में पहुंचा मंदिर में अंतिम दर्शन किए और फिर मंदिर परिसर में लगे नीम के पेड़ पर फांसी के फंदे पर झूल गया। कुछ देर में उसकी मौत हो गयी। कुछ समय बाद जब मोहल्ला पड़ोस के लोगों ने मंदिर पर जाकर देखा तो छात्र अंकित फांसी पर लटकता दिखा। इसके बाद घरवालों को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस शव को पेड़ से उतरवाया और अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया।वहीं पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
मैहर के केजेएस सीमेंट फैक्ट्री ने फिर एक बलि ले ली। रामनिवास कुशवाहा नाम के एक मजदूर की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई। मजदूर की मौत से घबराए फैक्ट्री प्रबंधन ने लाश को फैक्ट्री परिसर से निकालकर फौरन सिविल अस्पताल ले गए, डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद कंपनी प्रबंधन के लोग शव को अस्पताल में छोड़कर भाग गए। अस्पताल प्रबंधन ने मौत की सूचना परिजनों को दी। वहीं फैक्ट्री में रामनिवास की मौत कैसे और किन हालातों में हुई पता नहीं लग सका है। मजदूर की मौत के बाद परिजनों ने 27 लाख आर्थिक सहायता की मांग को लेकर फैक्ट्री की गेट के सामने प्रदर्शन किया। लोग सुबह से लेकर शाम तक मुआवजा की मांज को लेकर प्रदर्शन करते रहे। बावजूद इसके कंपनी प्रबंधन का कलेजा नहीं पसीजा।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे फैक्ट्री परिसर में एक मजदूर की हार्ट अटैक से मौत हो गई।इसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने ममदूर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा। जहां पर डॉक्टरों ने मजदूर को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि मैनेजर की प्रताड़ना से श्रमिक की मौत हुई हैं। जिसके बाद परिजन तक़रीबन 3 बजे तक अस्पताल में धरना दिया। वहीं मैनेजर के ऊपर एफआईआर की मांग की। घंटों चले प्रदर्शन के बाद जब कोई भी नही आया तो अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी फैक्टी परिसर के बाहर शव रख कर धरने पर बैठ गए और पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। तकरीबन 10 घंटे से ज्यादा का समय बीत जने के बाद भी फैक्ट्री का कोई भी अधिकारी उनकी बातों को सुनने नहीं पहुंचा नतीजा। इसके बाद आक्रोश में आकर सभी मजदूर अब फैक्ट्री परिसर के बाहर ही अंतिम संस्कार करने पर अड़ गए।
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