हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर जिले के कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर विशेष जांच दलों ने शासकीय उचित मूल्य दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं। जिसके बाद तीन शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को निलंबित कर दिया गया और दो दुकानदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा 16 दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

जिला आपूर्ति नियंत्रक एम.एल. मारू ने बताया कि कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी शासकीय उचित मूल्य दुकानों को निर्धारित समय पर खोलने और बंद करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दुकानदारों को हर पात्र उपभोक्ता को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। शुक्रवार को विशेष जांच दलों ने 19 उचित मूल्य दुकानों की जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि कई दुकानों में खाद्य सामग्री की ट्रक चिट (ऑनलाइन प्राप्ति) समय पर नहीं ली जा रही थी।

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नगर निगम क्षेत्र की 15 और इंदौर ग्रामीण क्षेत्र की 4 उचित मूल्य दुकानों की जांच में स्टॉक में अनियमितताएं पाई गईं। नगर निगम क्षेत्र की त्रिदेव प्रा.सह.उप.भंडार, समता प्रा.सह.उप.भंडार और भक्ति प्रिया महिला प्रा.सह.उप.भंडार के प्राधिकार पत्र निलंबित किए गए हैं। गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर त्रिदेव प्रा.सह.उप.भंडार के विक्रेता विनय जांगिड और समता प्रा.सह.उप.भंडार के विक्रेता गोपेश्वर नागवंशी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है।

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इंदौर नगर निगम क्षेत्र और इंदौर ग्रामीण क्षेत्र की कुल 16 उचित मूल्य दुकानों में स्टॉक भाव सूची बोर्ड, सीएम हेल्पलाइन बोर्ड और स्टॉक संबंधी अनियमितताएं पाए जाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं।

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