मनोज यादव, कोरबा। जिले में एक ही दिन अलग-अलग घटनाओं में तीन नवजात शिशुओं की मौत ने सनसनी फैला दी है। इन घटनाओं ने न केवल पुलिस-प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तीनों घटनाओं पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

पहली घटना : नवजात भ्रूण मिलने से क्षेत्र में हड़कंप

कोतवाली थाना क्षेत्र के सर्वमंगला स्थित हसदेव पुल के पास एक नवजात भ्रूण मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। राहगीरों ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी। मौके पर पहुंची कोतवाली थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भ्रूण वहां किस परिस्थिति में छोड़ा गया था। इस मामले में वार्ड नम्बर 2 के पार्षद ईश्वर पटेल ने बताया कि इस क्षेत्र में इस तरह की तीसरी घटना है। इससे पहले भी घटना सामने आ चुकी है। इस मामले में जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। लगातार इस तरह की घटना से बस्तीवासियों में भारी आक्रोश है। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर भ्रूण थैली में मिला है वहां एक डायग्नोसिस सेंटर की थैली भी मिला है, जिसके आधार पर पुलिस जांच में जुटी हुई है।

दूसरी घटना : निजी अस्पताल में जन्म के बाद शिशु की मौत

टीपी नगर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में नाबालिग लड़की ने शिशु को जन्म दिया, लेकिन जन्म के बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद निजी अस्पताल पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि नर्सिंग एक्ट का भी उल्लंघन किया गया है। इस मामले में सीएसपी भूषण एक्का ने पुष्टि की है कि डीके हॉस्पिटल के डॉक्टर ने आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें नवजात के जन्म का उल्लेख किया है। इसमें पति की उम्र केवल 18 वर्ष बताई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

तीसरी घटना : अविवाहित युवती ने शिशु को दिया जन्म, कुछ देर बाद मौत

जिला अस्पताल में भी एक हृदयविदारक मामला सामने आया। मोरगा चौकी क्षेत्र की रहने वाली एक अविवाहित युवती ने जिला अस्पताल में शिशु को जन्म दिया, लेकिन शिशु ने जन्म के बाद दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल जिला अस्पताल चौकी पुलिस को इसकी सूचना दी और पुलिस ने युवती का बयान दर्ज किया। अविवाहित युवती कोरबा में कोचिंग की तैयारी के लिए किराए के मकान में रहती थी। युवती ने आरोप लगाया कि एक युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक शोषण किया, जिसके कारण वह गर्भवती हुई।

तीनों घटनाओं ने शहर में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। एक तरफ नवजात शिशुओं की लगातार हो रही मौतों ने स्वास्थ्य तंत्र और सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़े किए हैं, तो दूसरी तरफ नाबालिग व अविवाहित लड़कियों के मामलों ने कानून और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। पुलिस ने सभी मामलों में जांच शुरू कर दी है। वहीं आम लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को गंभीरता से पहल करनी होगी।