ग्वालियर. शहर के जयारोग्य चिकित्सालय समूह के कमला राजा महिला एवं बाल चिकित्सालय में आज उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब ऑक्सीजन खत्म हो गई. इससे मरीजों की जान खतरे में पड़ गई. ऑक्सीजन की कमी के कारण 3 मरीजों ने दम तोड़ दिया. वहीं दो अन्य मरीज की हालत गंभीर बताई जा रही है. मामला गंभीर होते ही वहां से मेडिकल स्टाफ फरार हो गया. थोड़ी देर बाद ऑक्सीजन का एक टैंकर पहुंचने पर आईसीयू और वार्ड में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन दिया गया.

घटना की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस के दो विधायक अस्पताल पहुंचे

जानकारी के अनुसार आज सुबह लगभग 9 बजे कमला राजा अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बने फीमेल वार्ड में ऑक्सीजन खत्म हो गई. जिसके बाद मौके से मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ भाग खड़ा हुआ. जब ऑक्सीजन खत्म होने की जानकारी मरीज के परिजनों को लगी तो हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस के दो विधायक सतीश सिकरवार और प्रवीण पाठक कमला राजा अस्पताल पहुंचे और यहां ऑक्सीजन की व्यवस्था में जुट गए. बड़ी मशक्कत के बाद एक टैंकर ऑक्सीजन कमलाराजा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. इस दौरान यहां भर्ती 3 मरीजों ने अपना दम तोड़ दिया.

अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप
मरीजों की मौत के बाद परिजनों में चीख-पुकार मच गई. कांग्रेस के दोनों विधायक लोगों को संभालने में जुटे रहे. काफी देर बाद अस्पताल को ऑक्सीजन मुहैया कराया गया. अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए है.

मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अफसरों का दावा है कि उन्होंने व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया है. वहीं कांग्रेस विधायकों ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर शासन और प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने डॉक्टरों की तो तारीफ की है, लेकिन बदइंतजामी पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. कमलाराजा अस्पताल में सामान्य बीमारियों से पीडि़त मरीजों का इलाज चल रहा था. क्योंकि वहां जय रोग अस्पताल के अन्य भाग को कोविड के इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. वहां भर्ती अन्य मरीजों को कमला राजा अस्पताल में शिफ्ट किया गया था.

मरीजों के परिजन से खुद की जान को खतरा बताते हुए काम करने से इंकार कर दिया

उधर जीआरएमसी के डॉक्टरों ने मरीजों के परिजन से खुद की जान को खतरा बताते हुए काम करने से इंकार कर दिया. उन्होंने खुद को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग शासन प्रशासन से की है. उनका कहना है कि जिस तरीके से डॉक्टर लगातार कई घंटे काम कर रहे हैं. वे अपने स्वास्थ्य की भी चिंता न करते हुए मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे में कई मरीजों की बहुत कोशिश के बाद भी जान नहीं बच पाती. मरीजों के तीमारदार उन्हें ही अपने निशाने पर ले लेते हैं. उनके साथ मारपीट की जाती है उससे सभी चिकित्सक भयभीत हैं. उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.

समझाइश के बाद काम शुरू
गौरतलब है कि कमलाराजा अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत होने के बाद डॉक्टर वहां से डर के मारे भाग खड़े हुए थे. सुरक्षा को लेकर ऑफिस में हंगामा किया था. बाद में बहुत समझाइश के बाद उन्होंने वापस काम शुरू किया.