नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) UG 2025 का रिजल्ट 14 जून को जारी कर दिया था। इसके बाद से नीट में सफल हुए छात्र दाखिला के लिए काउंसलिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन नीट यूजी 2025 में सफल हुए छात्र शिवम गांधी रैना ने नीट यूजी यूजी 2025 की आंसर-की (उत्तर कुंजी) को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। रैना ने दायर याचिका में दावा किया है कि नीट यूजी 2025 में तीन सवालों के जवाब गलत थे, लेकिन फाइनल आंसर-की में एनटीए ने उन्हें नहीं हटाया। इससे याचिकाकर्ता को 5 अंकों का नुकसान हुआ है, जिससे उनकी रैंकिंग प्रभावित हुई और मेडिकल प्रवेश में बाधा उत्पन्न हुई है।

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आंसर की सुधारने और काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग

याचिका में तत्काल आंसर Key सुधारने, नए सिरे से रिजल्ट जारी करने और आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई है। NCERT की कक्षा 11 की जीव विज्ञान पाठ्य पुस्तक के पेज नंबर 245 पर स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि एड्रीनल कॉर्टिकल हार्मोन्स हृदय गति को नियंत्रित करते हैं, फिर भी NTA ने इस सबूत को नजरअंदाज कर दिया। याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट सार्थक चतुर्वेदी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की शीघ्र सुनवाई की उम्मीद है, क्योंकि मेडिकल काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है।

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3 जून को NTA ने प्रोविजनल आंसर की जारी की थी

3 जून को NTA ने प्रोविजनल आंसर की जारी की थी। छात्र शिवम् को उसमें Q.52, Q.136 और Q.140 के जवाब गलत लगे। 4 जून को उसने NCERT की किताबों के आधार पर आपत्ति दर्ज की। लेकिन 14 जून को जब फाइनल आंसर की आई, तब भी Q.136 का जवाब नहीं बदला गया। इस वजह से छात्र के 5 नंबर कट गए। जिसमें 4 नंबर सवाल का गलत जवाब होने की वजह से और 1 नंबर नेगेटिव मार्किंग से।

छात्र शिवम् को कुल 565 अंक मिले। ऑल इंडिया रैंक 6783 और जनरल कैटेगरी में रैंक 3195 आई। शिवम का कहना है कि अगर 5 नंबर और मिलते, तो रैंक बहुत बेहतर होती और उन्हें बेहतर मेडिकल कॉलेज मिल सकता था। छात्र ने बोनस नम्बर की मांग की है।

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अब सुप्रीम कोर्ट पर नजर

छात्र ने अपनी याचिका में नीट यूजी 2025 की काउंसलिंग पर रोक लगाने, दोबारा आंसर-की जांचने का निर्देश देने, गलत जवाबों पर बोनस नंबर देने और नीट का संशोधित रिजल्ट जारी करने की मांग की है। अब इसके बाद सभी की नजर सुप्रीम कोर्ट पर है। माना जा रहा है कि अगर फैसला समय पर नहीं आया, तो छात्र का एक साल खराब हो सकता है।

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