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रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता हो या फिर बहुजन समाज पार्टी की प्रदेश के नेता, दोनों ही ओर निगाहें दिल्ली और यूपी की ओर है. क्योंकि प्रदेश में जो राजनीतिक समीकरण दिखाई दे रहे हैं वहां दोनों ही दल को एक-दूसरे की जरूरत जान पड़ती है. ऐसे में दोनों ही पार्टी के नेता गठबंधन के लिए राजी जान पड़ते हैं, लेकिन शर्तों के आधार पर. और दोनों ही दल में शर्त एक मात्र यह है कि सीटों का बंटवारा सम्मानजनक तरीके से हो. यही शर्त गठबंधन के फैसले रुकावट बनी हुई है.
ऐसे में इन सबके बीच बहुजन समाज पार्टी की एक बड़ी बैठक राजधानी रायपुर में होने जा रही है. इस बैठक में बसपा के प्रदेश प्रभारी एमएल भारती अपने अन्य साथी प्रभारियों के साथ मिलकर प्रदेश के नेताओं से चर्चा करेंगे. चर्चा में पार्टी संगठन के विस्तार, प्रत्याशियों के चयन और चुनाव तैयारियों पर चर्चा तो होगी ही, चर्चा कांग्रेस से गठबंधन को लेकर भी होगी. बसपा के प्रभारी प्रदेश के नेताओं के साथ मिलकर यह समीक्षा करेंगे करेंगे कि कितनी सीटों पर गठबंधन की जा सकती है, जिन सीटों पर गठबंधन किया जा सकता है वहां कांग्रेस और बसपा की स्थिति है क्या. इसके साथ ही चर्चा इसे लेकर भी होगी कि कांग्रेस के नेताओं के गठबंधन को लेकर विचार है क्या, क्या सभी नेता गठबंधन को लेकर एकजुट हैं. अगर है तो फिर बसपा को फायदा और नुकसान कितना हो सकता है इसका आंकलन भी किया जाएगा.
दरअसल गठबंधन का फैसला दोनों ही दल से पार्टी के अालाकमान को लेने हैं. लेकिन दोनों दल में प्रदेश के नेताओं को लगता है कि बीजेपी से लड़ने के लिए गठबंधन फायदेमंद सकता है. ऐसे में कांग्रेस बसपा को 5 सीटें देने के लिए राजी दिखती है. लेकिन बसपा 10 से 15 सीटें चाहती है. लिहाजा अब सियासी दलों की नजर 30 जुलाई को होने वाली बसपा की बैठक और उसमें लिए जाने वाले फैसलों पर है.