शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा के 33 ब्लॉक की जल्द ही नीलामी होने जा रही है। इनमें एल्युमिनियम, लेटराइट, बॉक्साइट, मेटल, डायमंड, गोल्ड, लाइमस्टोन मैंगनीज शामिल हैं। इसे लेकर राज्य सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उद्योगपतियों का ध्यान आकर्षित करने 8 अगस्त को बेंगलुरु जा रहे हैं। यहां वह इंटरेक्टिव सेशन में प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदाओं की जानकारी बिजनेसमैन को देंगे। जिससे प्रभावित होकर उद्योगपति मध्य प्रदेश में निवेश करें।   

मध्य प्रदेश के 17 कोल ब्लॉक के ऑक्शन भी प्रक्रिया में हैं। प्रमुख खनिजों के 20 ब्लॉक भी ऑक्शन की प्रक्रिया में हैं। बता दें कि एमपी को मिनरल ऑप्शन के लिए पहला पुरस्कार मिल चुका है। जिसकी वजह से राज्य में खनिज संपदा में निवेश की बहुत ज्यादा संभावना बनी है। पिछले साल एक साथ 51 ब्लॉक का आक्शन हुआ था, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश का खनिज संपदा की दृष्टि में अहम् स्थान है, जहां देश के कुल खनिज भंडार का एक बड़ा हिस्सा है। राज्य में कोयला, लाइमस्टोन, डायमंड और पायरोफ्लाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में उपयोग किए जाते हैं।

इस संबंध में  मध्य प्रदेश सरकार ने खनिज संपदा के विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें खनिज नीलामी की प्रक्रिया को सरल बनाना और उद्योगपतियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाना शामिल है।

मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज संसाधनों में कोयला, लाइमस्टोन, डायमंड और पायरोफ्लाइट है। मध्यप्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। यहां सिंगरौली, सीधी, छिंदवाड़ा, बैतूल, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और नरसिंहपुर भरपूर कोयला भंडार है। कोयले का उपयोग थर्मल पावर प्लांट्स और कोल गैसीफिकेशन प्लांट्स में होता है। इनसे संबंधित उद्योगों के लिए निवेश की भरपूर संभावनाएं हैं।

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