रायपुर। क्या सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकान से ही शराब की तस्करी हो रही है? यह सवाल इसलिए कि रायपुर पुलिस ने शहरी इलाकों में बड़ी कार्रवाई करते हुए अलग-अलग थाना क्षेत्रों से 35 कोचियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने यह कार्रवाई शनिवार तड़के 5 बजे शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में की है. जिसके तहत न्यू राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र से 7, टिकरापारा थाना क्षेत्र से  3, डीडी नगर से 3, पुरानी बस्ती से 4, कोतवाली थाना क्षेत्र से 3 गोलबाजार से 2, मौदहापारा से 2, उरला से 9, खमतराई थाना क्षेत्र से 1 व्यक्ति पर कार्रवाई की गई है. पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी शराब कोचिए हैं.
सभी आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है वहीं थाना आजाद चौक से पुलिस ने 1 व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसके पास से 29 पाव अंग्रेजी शराब जब्त किया है. आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट 34-2 के तहत कार्रवाई की गई है.
इन कोचियों की गिरफ्तारी सरकार के उस दावे के बिल्कुल उलट है जिसमें कहा गया था कि ठेकेदारी प्रथा खत्म करने और सरकार द्वारा शराब दुकान चलाने से शराब की तस्करी और कोचियागिरी पूर्णतया खत्म हो जाएगी.
वहीं कोचियों की गिरफ्तारी और उनसे बरामद शराब से खुद आबकारी विभाग अब सवालों के घेरे में आ गया है कि गिरफ्तार किए गए कोचियों को आखिर कहां से शराब उपलब्ध हो रही है. वह भी उस स्थिति में जब शराब पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण है. जब प्रदेश की राजधानी रायपुर में ही शराब की अवैध बिक्री हो रही है तो फिर पूरे प्रदेश की क्या स्थिति होगी.
हालांकि शराब की अवैध बिक्री को लेकर पुलिस विभाग के ऊपर भी उंगलिया उठते रहती है पुलिस पर शराब कोचियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगते रहता है. कहा जाता है कि आबकारी विभाग, पुलिस और कोचियों की सांठ-गांठ से ही शराब की अवैध बिक्री होती है.  आपको बता दें कि शराब से जुड़े मामले में कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार आबकारी विभाग के पास ही है लेकिन अधिकारियों की उदासीनता से विभाग पर उंगलियां उठनी भी लाजमी है.
उधर पुलिस ने यह कार्रवाई उस वक्त की है जब खुद सरकार लोक सुराज लेकर लोगों के द्वार पर पहुंच रही है. लोक सुराज के तहत मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपने औचक दौरे में कभी भी कहीं भी पहुंच कर लोगों से उनकी समस्याओं की जानकारी ले रहे हैं और जनता की समस्या को लेकर अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई की जा रही है. जानकारों का कहना है कि शराब कोचियों पर अचानक कार्रवाई के पीछे लोक सुराज एक प्रमुख वजह हो सकती है. हालांकि पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी इसे रुटीन कार्रवाई बता रहे हैं.