पटना। बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को जोड़ने वाली सुरंग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और अब तक इसका 35% काम पूरा हो चुका है। यह सुरंग भारत की पहली ऐसी टनल होगी जो दो म्यूजियम को आपस में जोड़ेगी। यह न सिर्फ एक भौतिक संपर्क का माध्यम बनेगी, बल्कि इसमें कला और संस्कृति का अनोखा संगम भी देखने को मिलेगा। इस सुरंग को टनल बोरिंग मशीन (TBM) से बनाया जा रहा है, लेकिन फिलहाल काम रुका हुआ है क्योंकि मशीन को चीन से मंगवाया जा रहा है। इसके अगले महीने पटना पहुंचने की संभावना है। सुरंग निर्माण के लिए बेस स्लैब और लॉन्च शाफ्ट तैयार किए जा चुके हैं, जहां से TBM अंडरग्राउंड खुदाई शुरू करेगी।

कार्य को शीघ्र पूरा करने की कही बात

पिछले महीने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुरंग स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्माण कार्य को शीघ्र और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिहार म्यूजियम अंतरराष्ट्रीय स्तर का है और पटना म्यूजियम में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इस सुरंग के बन जाने से दोनों म्यूजियम के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

बेसमेंट बनाया जा रहा

यह सुरंग 1.5 किलोमीटर लंबी होगी और एक आर्ट गैलरी के रूप में विकसित की जा रही है। इसमें मधुबनी पेंटिंग्स और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सुरंग की दीवारों पर प्रदर्शित किया जाएगा। सुरंग की एंट्री और एग्जिट बिल्डिंग में भूतल, प्रथम तल और तीन-लेवल का बेसमेंट भी बनाया जा रहा है।

सांस्कृतिक पहचान भी मिलेगी

निर्माण कार्य 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह सुरंग पटना म्यूजियम, विद्यापति मार्ग, तारामंडल क्रॉसिंग, इनकम टैक्स गोलंबर, पटना विमेंस कॉलेज और बिहार म्यूजियम जैसी प्रमुख जगहों से होकर गुजरेगी। इसके बनने से ना सिर्फ दो महत्वपूर्ण संग्रहालय जुड़ेगे, बल्कि पटना को एक नई सांस्कृतिक पहचान भी मिलेगी।