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रवि गोयल,जाँजगीर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पावर प्लांट में से एक केएसके पावर प्लांट में ताला गया है. प्लांट में ताला लगने के साथ एक झटके में ही 35 सौ कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. अकलतरा विधानसभा के अकलतरा-बिलासपुर मार्ग में स्थित पावर प्लांट के बाहर बेरोजगार होते ही कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस मामले में मजदूर संघ का कहना है कि प्लांट प्रबंधन ने बिना किसी पूर्व सूचना के यह कदम उठाया है. प्लांट प्रबंधन के इस कदम से 35 सौ मजदुर आज बेरोजगार हो गए है. वही मजदूर संघ ने इसे प्लांट प्रबंधन कि तानाशाही बताया है. उनका कहना है कि के एस के प्रबन्धन ने अपनी छल नीति के तहत आज प्लांट परिसर को लॉक आउट घोषित कर दिया, जिससे भू विस्थापितों और मजदूरों में काफी आक्रोश है. यह प्रबन्धन की कोई सोची समझी साजिश का नतीजा है. कल तक मजदूर प्लांट जा रहे थे, पर आज सुबह अचानक ड्यूटी जाने के बाद पता चला कि लॉक आउट कर दिया गया है. कम्पनी शासन प्रशासन से अपने नीजि लाभ के लिए दबाव बनाने के लिए यह कार्य किया है.
पिछले 7 दिनों से उत्पादन ठप है और कोई भी बैठक वार्ता का प्रयास नहीं किया गया है, जबकि छग पावर मजदूर संघ(एच एम एस) ने कल ही जिला प्रशासन से मुलाक़ात किया है, तो उनको ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है. संघ के बलराम गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि यह पूर्ण रूप से अवैधानिक लॉक ऑउट है और इसमें शासन-प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए. यहाँ लगभग 35 सौ मजदूरो का रोजी रोटी चलती है.
बता दें कि 31 जुलाई को छग पावर मजदूर संघ (एच एम एस) का प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्र ध्वज साहू और श्रम मंत्री शिव डहरिया से मिलकर अपनी मांगे रख चुके है. संघ द्वारा के एस के महानदी पावर कम्पनी लिमिटेड नरियरा में कार्यरत कर्मचारियों के साथ किये जा रहे भेदभाव छल के साथ सही पोस्ट और सही वेतन सहित अन्य कर्मचारियों के कल्याणकारी सुविधाओं सहित वेज रिवीजन नहीं देने का शिकायत गया था जिस सभी से आवश्यक निर्देश देते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया था.