सुप्रिया पांडेय, रायपुर. छत्तीसगढ़ में महीने भर से हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 350 पेट्रोल पंप सूखने की कगार पर पहुंच गए है. संचालकों का कहना है कि कंपनियों को एडवांस भुगतान किया जा चुका है. इसके बाद भी कंपनी द्वारा सप्लाई नहीं की जा रही है. वजह केन्द्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी में कमी बताई जा रही है.
डीलरों को डीजल पर 14 रुपये और पेट्रोल पर 11 से 12 रुपये लीटर का नुकसान हो रहा है. इस वजह से तेल कंपनिया घाटा कम हो, इस कोशिश में है. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रदेश अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि कंपनियों द्वारा सप्लाई नहीं की जा रही है. इसकी वजह से ही प्रदेश के पेट्रोल पंप सूखे पड़े हुए हैं. साथ ही पंप संचालकों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.
सरकार की गलत नीतियों का असर
विजय पांडेय ने बताया कि मांग के अनुरुप पेट्रोल डीजल की सप्लाई नहीं की जा रही है. आए दिन डिपो ड्राई हो जाता है. मानसून सीजन भी है. ऐसे में किसानों को तेल के लिए दर-दर भटकना पड़ सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति ज्यादा खराब है. कोरोना की वजह से व्यवसाय पर भी प्रभाव पड़ा है. सरकार की गलत नीतियों से पंप संचालक बर्बादी की कगार पर हैं.
एक्साइज ड्यूटी की मार
7-8 महीने के भीतर एक्साइज ड्यूटी की मार भी दो बार लग चुकी है. जिम्मेदार अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए ताकि असमंजस की स्थिति ना बने. कंपनी के द्वारा यह जवाब दिया जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल पर उन्हें 15 से 16 रुपए का नुकसान हो रहा है. उन्हे नुकसान कम हो इसलिए डीलरों को कम मात्रा में सप्लाई कर रहे हैं.
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