कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में बाघों (tiger in Madhya Pradesh) की मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है। बाघ की खाल, नाखून और प्राइवेट पार्ट के लिए तस्कर बड़े पैमाने पर हर साल इन्हें मार रहे हैं। बाघों की मौतों पर जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट को जानकारी दी गई कि पिछले एक साल में मध्यप्रदेश में 36 बाघों की मौत हुई है। इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार समेत नेशनल टाइगर रिजर्व को नोटिस जारी किया। 

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हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा कि- टाइगर के संरक्षन के लिए क्या कर रहे हैं। टाइगर के संरक्षण को लेकर मध्यप्रदेश सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य नहीं है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को 4 सप्ताह का समय दिया।

विदेशों में रहे टाइगर के पार्ट सप्लाई

याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया गया कि, देश , प्रदेश में हो रहे बाघों का शिकार कर उनके पार्ट विदेशों में बेचे जा रहे हैं। याचिका के जरिए ये भी कहा गया है कि , देश के टाइगर्स का शिकार कर उनके प्राइवेट पार्ट को चीन तक मे सप्लाई किया जा रहा है।

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छिन सकता है मध्यप्रदेश से टाइगर स्टेट का दर्जा

आपको बता दें कि पिछली बार मध्यप्रदेश में हुई टाइगर की गिनती में मध्य प्रदेश केवल दो टाइगर के साथ कर्नाटक से आगे था लेकिन उसके बाद लगातार मध्यप्रदेश में कई टाइगरों की मौत हुई है लिहाजा याचिका में इस बात पर भी चिंता जताई गई है कि आने वाले समय में यदि यही सिलसिला जारी रहा तो मध्य प्रदेश से टाइगर स्टेट का दर्जा भी छीन सकता है।

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