अंकुर तिवारी, धमतरी। भखारा क्षेत्र के किसान पिछले 9 साल से बाईपास सड़क के नाम से अधिकृत जमीन का मुआवजा के लिए भटक रहे हैं. आज प्रभावित किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर आवेदन सौंपा.  9 साल से मुआवजे की इंतजार में थक हारकर बैठे किसान एक बार फिर कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं. फिर से अर्जी दी है, ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके.

किसानों ने बताया कि भखारा और सिहाद के साथ भठेली गांवों के किसानों के खेत में बाईपास सड़क बनाने के लिए साल 2012-13 में मिट्टी मुरूम डाल दिया गया, लेकिन अभी तक मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया. किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. इस लंबी अवधि के कारण 7 किसान की मौत हो गई. 38 किसानों से सड़क के लिए जमीन ली गई है.

बाईपास सड़क निर्माण का साल 2017-18 में अवार्ड घोषित किया जा चुका है, जिसका मुआवजा पत्रक भी बन चुका है, उसमें भी त्रुटि है. मुआवजे की मांग करने 18 नवंबर को भखारा तहसील में आवेदन देने के बाद 29 नवंबर से भखारा तहसील कार्यालय के सामने प्रभावित लोगों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की.

इसके बाद भी किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की जा रही है. किसानों का कहना है कि कलेक्टर को आवेदन देने के बाद 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. 15 दिनों के अंदर अगर मुआवजा नहीं मिला तो कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

बता दें कि भखारा क्षेत्र के किसान पिछले 9 साल से बाईपास सड़क बनने के बाद दर दर की ठोकरें खा रहे हैं. न कलेक्टर सुन रहा और न ही कोई बड़े जिम्मेदारी उनकी गुहार सुन रहे हैं. अब तक मुआवजे की आस में 7 किसान अपनी जान गवां चुके हैं, लेकिन 9 साल बाद भी मुआवजा नसीब नहीं हुआ.

डिप्टी कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी ने कहा कि सरकार से हमें मुआवजा राशि नहीं मिली है, जिससे किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. सरकार को पत्र भेजा गया है.

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