कुमार इन्दर, जबलपुर। सतपुड़ा टाईगर रिजर्व और जबलपुर के भेड़ाघाट-लम्हेटा घाट को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल किया गया है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने पूरे देश से यूनेस्को 9 नामांकन भेजे थे. जिसको लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए ये गौरव का क्षण है.
प्रमुख सचिव पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि अब मध्यप्रदेश ऐसा राज्य बन गया है, जहां से दो स्थलों को यूनेस्को विश्व धरोहरों की प्राकृतिक श्रेणी की संभावित सूची में शामिल किया गया है. अगले चरण में इन स्थलों का नॉमिनेशन डॉजियर यूनेस्को द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि संभावित स्थलों की सूची में विशिष्ट विशेषताओं वाले स्थलों को ही शामिल किया जाता है.
यूनेस्को विश्व धरोहर की संभावित सूची में जिन 6 स्थानों का चयन हुआ उसमें मध्यप्रदेश से भेड़ाघाट और सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व भी शामिल किया है @MinOfCultureGoI के संगठन @ASIGoI ने 9 नामांकन भेजे थे जिसमें से 6को चयनित किया है बधाई #MadhyaPradesh @PMOIndia @JPNadda @ChouhanShivraj pic.twitter.com/Sz7zRccFkb
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) May 19, 2021
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शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने सतपुड़ा टाईगर रिजर्व एवं भेड़ाघाट-लम्हेटा घाट को यूनेस्को की विश्व धरोहरों की संभावित सूची में सम्मिलित करने का प्रस्ताव डायरेक्टर जनरल ए.एस.आई, भारत सरकार को 9 अप्रैल 2021 को प्रेषित किया था. ए.एस.आई यूनेस्को को उक्त प्रस्ताव प्रेषित करने के लिये नोडल विभाग है.
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शुक्ला ने बताया कि इस उपलब्धि में मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड, वन विभाग और वाइल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट देहरादून का विशेष योगदान रहा. मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने मध्यप्रदेश में संभावित स्थलों की पहचान एवं उनकी विशेषताओं के आधार पर उत्कृष्ट स्थलों के चयन का कार्य देहरादून स्थित डब्ल्यू.आई.आई. केटेगरी-2 सेन्टर को सौपा था. लगभग एक वर्ष में एनालाइसिस और फील्ड वर्क के दौरान ऐसे स्थलों की पहचान की गई एवं तथ्यों के अन्वेषण के साथ तीन महत्वपूर्ण कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं. पहली कार्यशाला भोपाल में, दूसरी कार्यशाला ऋषिकेश में और तीसरी कार्यशाला पचमढ़ी में आयोजित की गई. राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में पर्यटन एवं वन विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ वन, पर्यटन एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी सम्मिलित हुए.
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