रायपुर। राजधानी के खरोरा स्थित 38वीं बटालियन आईटीबीपी को ‘सर्वश्रेष्ठ एंटी-नक्सल ऑपरेशन्स (एएनओ) बटालियन 2018’ के साथ-साथ ‘सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ बटालियन 2018-19’ घोषित किया गया है. कमांडेंट नरेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में 38वीं बटालियन ने छत्तीसगढ़ में एंटी-नक्सल ऑपरेशन ड्यूटी के लिए तैनात सभी आईटीबीपी बटालियनों में सर्वश्रेष्ठ एएनओ बटालियन और 56 सर्विस बटालियनों और 4 स्पेशल बटालियनों के बीच ‘सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ बटालियन’ का खिताब जीतने में कामयाब हुई है.

ऐसा अब तक का पहला कारनामा है जब एक बटालियन ने एक ही वर्ष में दोनों प्रतिष्ठित ट्रॉफियां हासिल की हैं. आईटीबीपी के 58वें स्थापना दिवस के अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह व आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल द्वारा 39वीं वाहिनी ग्रेटर नोएडा में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान 38वीं वाहिनी के सेनानी नरेंद्र सिंह को दोनों ट्रॉफियां प्रदान करके सम्मानित किया गया.

सर्वश्रेष्ठ एएनओ बटालियन का खिताब हासिल करने के लिए छत्तीसगढ़ में तैनात अन्य बटालियनों से कड़ी प्रतिस्पर्धा करने के उपरांत इस बटालियन ने वर्ष 2018 के दौरान न सिर्फ ऑपरेशनल गतिविधियों में बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया. अपने जवाबदारी इलाकों में जवानों के उच्च पेशेवर दक्षता से नक्सलियों के मनोबल बुरी तरह से कमजोर हुआ है और वर्तमान में नक्सल आंदोलन, गतिविधि, मूवमेंट व घटनाओं में काफी गिरावट हुई है.

38वीं बटालियन ने नक्सलवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए एक समन्वित और सशक्त दृष्टिकोण सुनिश्चित किया और स्थानीय जनता के जीवन स्तर के उत्थान और बेहतरी के लिए कल्याणकारी उपायों के साथ-साथ अपने ऑपरेशनल कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से निभाया है. बटालियन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में, गरीब छात्र-छात्राओं के कैरियर काउंसलिंग के उपरांत 100 से अधिक विद्यार्थियों को CAPF में कॉन्स्टेबल्स जी.डी के लिए SSC द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा की तैयारी कराना, CIPET के माध्यम से 155 छात्रों की जॉब प्लेसमेंट कराना, होनहार एवं प्रतिभावन छात्र-छात्राओं को विभिन्न खेलों एवं रोजगार हेतु कोचिंग तथा गरीबों और भूमिहीन लोगों के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री स्कीम के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान कराना इत्यादि है.

इसके अतिरिक्त बटालियन ने भारत के मा0 प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के अनुरूप निरंतर काम किया। बटालियन कैम्पस के साथ-साथ आस-पास के इलाकों में भी स्वच्छता अभियान नियमित रूप से चलाया गया और इसमें स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों के लिए जागरूकता रैलियाँ और व्याख्यान आयोजित किये गये। नरेन्द्र सिंह, कमांडेंट 38वीं बटालियन के नेतृत्व में अपने पूरे कार्यक्षेत्र राजनांदगांव के नक्सल प्रभावी इलाकों में भी इसी तरह के अभियान चलाए गये। इसके अलावा सिरपुर (जिला-महासमुंद, छत्तीसगढ़) के ऐतिहासिक, पुरातात्विक स्थलों और महानदी के किनारे इलाकों में भी जागरूकता और स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस बटालियन द्वारा पिछले एक वर्ष में अपने कार्यक्षेत्र में 15,000 से अधिक फलदार व छायादार पौधे लगाए गए हैं।
बटालियन की अन्य प्रमुख पहलों में वाटर हार्वेस्टिंग, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, पौधों के लिए अतिरिक्त पानी की चैनलिंग, डिस्पोजल सिस्टम, कैम्पस में पौधों, पार्क एवं किचन गार्डन इत्यादि के रखरखाव के लिए एसटीपी से उपचारित पानी का उपयोग शामिल है, जिससे छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में बहुमूल्य पीने योग्य पानी की बचत हो सके।

‘‘अल्टीमेट 38‘‘ के नाम से जाने जाने वाली 38वीं बटालियन भविष्य में भी आईटीबीपी के उच्च कार्यालयों द्वारा सौंपे गये जिम्मेदारियों एवं ड्यूटियों तथा भारत सरकार के उम्मीदों के लिए प्रतिबद्ध रहेगी.