मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में स्थित एम्स (All India Institute Of Medical Science) ने आज 3D बायोप्रिंटिंग फैसिलिटी (3D Bioprinting Facility) की शुरुआत की है। प्रदेश में पहली बार 3D टेक्नोलॉजी से मरीजों का अब इलाज होगा। वहीं कैंसर और ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में इससे मदद मिलेगी।

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एम्स भोपाल में अब लाइलाज बीमारियों का भी इलाज संभव हो सकेगा। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ.अजय सिंह ने ट्रांसलेशनल मेडिसिन विभाग के सेल और ऊतक इंजीनियरिंग प्रयोगशाला में आज 3D बायो प्रिंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि, आज भोपाल एम्स में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। जिसमें अब कई बीमारियों के इलाज करने में सहायता मिलेगी।

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डॉ.अजय सिंह ने कहा कि, कैंसर जैसी घातक बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। 3D बायो प्रिंटिंग मशीन एक किस्म का प्रिंटर है, जिससे ह्यूमन टिशु यानी कि इंसान के शरीर में मौजूद टिशु निकाले जा सकते हैं। इस मशीन के द्वारा मानव स्किन यानी की त्वचा को बनाया जा सकता है। अभी तक यह केवल तभी संभव था जब कोई व्यक्ति अंग डोनेट करें या फिर किसी सर्जरी के माध्यम से टिशु को निकाला जाए। इन्हीं परेशानियों से बचने के लिए 3D बायो प्रिंटर के द्वारा ह्यूमन स्किन बनाया जा सकता है।

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