योगेश यादव, जशपुर।  जशपुर जिले के बगीचा में प्रशासन की लचर व्यवस्था उजागर हुई है. ब्लाक के गांवों में आज तक पक्की सड़क नहीं बनी है, भारी मशक्कत के बाद बिजली पहुंची थी, जो दो साल से बंद पड़ी है. ऐसी स्थिति में किसी ग्रामीण के बीमार पड़ने पर भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. खासकर बरसात के दिनों में ये परेशानी और बढ़ जाती है. ऐसा ही एक मामले मंगलवार रात को सामने आया. गंभीर रूप से बीमार महिला को मशाल की रोशनी के सहारे लगभग 4 किलोमीटर का सफर पैदल पूरा किया गया. इसके बाद निजी वाहन से बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. अभी महिला की हालात स्थित बताई जा रही है.

घटना बगीचा विकासखंड के जबला ग्राम पंचायत तांबा कछार की है. मिली जानकारी के मुताबिक के तांबा का छार निवासी यह महिला कई दिनों से बीमार चल रही थी. तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई. ग्रामीणों ने महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए पहले टायर से मशाल बनाया. इसके बाद मशाल की रोशनी से खाट के सहारे पहले 4 किमी का कच्चा रास्ता तय किया. फिर गाड़ी से सामुदायिक केंद्र तक पहुंचाया.

जशपुर क्षेत्र की शर्मसार कर देने वाली ये तस्वीर जनप्रतिनिधियों को दिखाई नहीं देती. क्षेत्र के विधायक हर भाषण में कहते हैं कि ग्रामीणों को उनके पास आने की जरूरत नहीं है हर समस्या पर वे खुद जाकर खड़े हो जाएंगे, लेकिन यहां स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है कि किस प्रकार ग्रामीण समस्याओं का दंश झेल रहे हैं. बता दें कि जशपुर जिला स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर वर्षों से जूझ रहा है. लगातार ऐसी तस्वीर आ रही है जहां ग्रामीण क्षेत्र से मरीज को खाट में लेटाकर अस्पताल लाया जा रहा है.

ऐसे में सरकार और प्रशासन को वेंटिलेटर में ही कहना लाजमी होगा. जहां सरोकार को लेकर कोई समझ और कोई प्रयास ही नजर नहीं आता. हाल के वर्षों में एक ही स्थान पर बिना उपयोग के कई बिल्डिंग बना दिए गए लेकिन ऐसे दूरस्थ गांव में आज भी पुल और सड़क का अभाव है जिसके कारण मरीज अपनी जिंदगी बचाने के लिए भी स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं.

प्रकरण बनाकर भेजा गया है- सीईओ

बगीचा जनपद सीईओ विनोद सिंह का कहना है कि उस गांव का प्रकरण बना के भेजा गया है.  उस गांव के लगभग 150 लोग प्रभावित हो रहे हैं. जैसे ही कार्य की स्वीकृति मिलेगी तत्काल काम शुरू कर दिया जाएगा.

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