पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। CM बघेल के गोधन न्याय योजना में लापरवाही बरतने वाले 4 पंचायत सचिवों पर निलंबन की गाज गिरी है. जिला पंचायत सीईओ रोक्तिमा यादव ने मैनपुर जनपद के केकराजोर पंचायत सचिव प्रेम मरकाम, जांगड़ा के त्रिलोक नागेश, गुढ़ियारी के केशव ध्रुव और गौरगांव पंचायत के ओमप्रकाश कोमर्रा को निलबिंत किया है.

मैनपुर जनपद सीईओ आशीष अनुपम टोप्पो ने बताया कि गोधन न्याय योजना समेत अन्य महती योजाओ में बार नोटिस तामीली के बावजूद प्रगति नहीं दिख रहा था. कमजोर प्रगति वाले सचिवों को निलंबित किया गया है. सीईओ ने कहा कि योजनाओं को समय सीमा के भीतर प्रगति लाने कहा गया है. काम नहीं करने वालों पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी.

52 में से आधे पर भी ठीक से काम नही- मैनपुर जनपद में 74 गौठान स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 52 निर्माण किये जा चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक आधे गौठानों के काम से ही अफसर खुश हैं, जबकि आधे को लगातार नोटिस थमाया जा रहा है.

कलेक्टर प्रभात मलिक और जिला पंचायत सीईओ सतत फील्ड निरक्षण कर रहे हैं. लगातार बैठक लेकर योजना की प्रगति का डेटा भी खंगाल रहे हैं, लेकिन सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक गोधन न्याय योजना में प्रशासन के मंशा अनुरूप फील्ड में काम नजर नहीं आ रहा है.

स्वीकृति के बाद भी कंही वर्मी टैंक का निर्माण नहीं हुआ है, तो कहीं गोबर की खरीदी भी नहीं की जा रही है. अधिकांश जगह पर गोबर खरीदी के नाम पर खानापूर्ति तो की जा रही, लेकिन खाद बनाकर बेचना शुरू नहीं होने से उनके खरीदी पर ही सवाल उठ गया है.

प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने जहां शुभारंभ किया वहीं खरीदी नहीं
ग्राम पंचायत धारनीधोडा के गौठान का शुभारम्भ सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष गुलाब कमरों ने किया था. आज यहां निर्माण, गोबर खरीदी और खाद बिक्री केवल कागजों पर दिख रहा है.