कपिल मिश्रा, शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में काेराेना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से चार लोगों की मौत की दिनभर से चल रही खबर को स्वास्थ्य विभाग ने झूठ बताया है. स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय मीडिया में आई खबर को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि जिन मरीजों की मौत की खबर चलाई जा रही है उनकी मौत डेल्ट प्लस वेरिएंट नहीं बल्कि डेल्टा वेरिएंट से हुई है.
शिवपुरी के सीएमएचओ डॉ एएल शर्मा के ने बताया कि कोरोना डेल्टा वैरिएंट की वजह से जिले में 4 मरीजों की मौत हुई थी. जिनमें अजाक थाने के हवलदार प्रेमनारायण द्विवेदी, पिछोर के शिक्षक सुरेंद्र शर्मा, साॅफ्टवेयर इंजीनियर शिक्षक विनय चतुर्वेदी और सूरजपाल की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई थी. चारों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चला की इन लोगों की मौत कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से हुई है.
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सीएमएचओ ने बताया कि यह वैरिएंट इसलिए घातक है, क्योंकि यह तीन दिन में ही गले से फेफड़ों तक पहुंच जाता है. जबकि सामान्य वायरस को गले से फेफड़ों तक पहुंचने में सात दिन का वक्त लगता है. इसके अलावा संपर्क में आने वालों को भी गंभीर रुप से बीमार करता है. जिन लाेगाें में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है वे कहीं बाहर से संक्रमित हुए हैं. इस वैरिएंट में दो गज की दूरी भी प्रभावी नहीं है.
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सीएमएचओ डॉ एएल शर्मा ने ये भी बताया कि डेल्टा वैरिएंट से हुई मौतों में केवल प्रेमनारायण द्विवेदी को ही केवल कोरोना वैक्सीन लगी थी. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्हें वैक्सीन के कितने डोज लगे थे.
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