चंडीगढ़. हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा से पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के संपर्क में रह रहे पंजाब के चार चरमपंथी आतंकवादियों की गिरफ्तारी के साथ एक बड़े आतंकी हमले के प्रयास को विफल करने का दावा किया.
हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक संयुक्त अभियान के तहत यह गिरफ्तारी की है. इनके पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किया गया है. पुलिस ने कहा कि आरोपी व्यक्ति तेलंगाना के आदिलाबाद में विस्फोटक पहुंचाने जा रहे थे.
गिरफ्तार किए गए आतंकियों में मुख्य आरोपी गुरप्रीत सिंह भी शामिल है, जो पाकिस्तान स्थित हैंडलर हरजिंदर सिंह रिंडा के सहयोगी राजबीर सिंह से जेल में मिला था. इसके अलावा अन्य संदिग्धों की पहचान पंजाब के भूपिंदर सिंह, अमनदीप सिंह और परमिंदर सिंह के रूप में हुई है.
वे एक सफेद टोयोटा इनोवा कार में दिल्ली जा रहे थे, मगर उन्हें टोल प्लाजा से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक चारों आरोपी रिंडा के संपर्क में थे. इससे पहले आतंकियों ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में दो बार आईईडी की आपूर्ति की थी. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) संदीप खिरवार ने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से तीन आईईडी, एक पाकिस्तान निर्मित पिस्तौल, 31 कारतूस और 1.30 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि पंजाब के फिरोजपुर में रिंडा के इशारे पर ड्रोन का इस्तेमाल कर हथियारों को आसमान से ही नीचे गिराया गया था. पूछताछ के दौरान गुरप्रीत ने कबूल किया कि उन्हें सीमा पार से विस्फोटक मिले हैं. पुलिस अधीक्षक, गंगा राम पुनिया ने मीडिया को बताया कि आतंकवादी पाकिस्तान में अपने आकाओं के साथ नियमित संपर्क में थे, जिन्होंने उन्हें विस्फोटक और हथियार पहुंचाने के लिए जगह (लोकेशन) बताई थी.
फोरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार, बरामद प्रत्येक बॉक्स में एक टाइमर, एक डेटोनेटर और एक बैटरी मिली है. डेटोनेटर और टाइमर आईईडी से जुड़े थे लेकिन वे अभी तक पावर कनेक्टेड नहीं थे. गुरप्रीत सिंह, अमनदीप सिंह और परमिंदर सिंह फिरोजपुर के रहने वाले हैं, जबकि भूपिंदर सिंह लुधियाना का रहने वाला है.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि आरोपियों को विस्फोटकों की आपूर्ति रिंडा ने ड्रोन से की थी और उन्हें तेलंगाना के आदिलाबाद में पहुंचाना था. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद और जानकारी सामने आएगी.
आरोपी के खिलाफ करनाल के मधुबन पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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