रायपुर। मोदी सरकार के किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ पूरे देश में किसानों मजदूरों और आम लोगों में गुस्सा उमड़ रहा है. प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जानकारी दी है कि केवल महासमुंद विधानसभा क्षेत्र के ही 40,000 किसान मोदी सरकार के काले कानूनों के विरोध में हैं. महासमुंद क्षेत्र पहले भी किसान आंदोलनों के लिए जाना जाता रहा है और किसान हित में आवाज उठाने में महासमुंद के लोग कभी पीछे नहीं रहे.
प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जानकारी दी है कि कांग्रेस के द्वारा तीनों किसान विरोधी आम आदमी विरोधी काले कानूनों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सभी 90 विधानसभाओं में चलाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में 20 लाख किसानों के हस्ताक्षर का लक्ष्य रखा गया है. मोदी सरकार के किसान विरोधी आम आदमी विरोधी तीनों काले कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के हस्ताक्षर अभियान को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर ने प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन में किसानों के हस्ताक्षरित ज्ञापनों को जमा किया.
प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि किसानों के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए भाजपा के नेता शराब दुकान लूटने वालों के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं. किसानों, आदिवासियों, मजदूरों, गरीबों के हितों के लिए आज तक आंदोलन नहीं करने वाली भाजपा शराब लूटने वाले लोगों को बचाने के लिए आंदोलन कर रही है जो छत्तीसगढ़ राज्य की जनता का अपमान है. ऐसे जनविरोधी आंदोलन से सब दुखी है. गिरफ्तार लोगों में एक व्यक्ति पहले भी अवैध रूप से शराब रखने के आरोप में जेल जा चुका है.
ऐसे लोगों का भाजपा और सांसद द्वारा समर्थन करना उचित नहीं है. छत्तीसगढ़ में भाजपा ने आम आदमी के लिए कभी आंदोलन नहीं किया. किसान, मजदूर, बेरोजगारों के हितों के लिए आंदोलन नहीं किया. बीएसपी कर्मियों और टीए-टीओटी के आंदोलन के समर्थन में आज तक आंदोलन नहीं किया. यह गंभीर चिंता का विषय है कि राज्य का प्रमुख विपक्षी दल भाजपा और एक सांसद शराब लूटने वालों का समर्थन कर रहा है. इस समय प्रदेश और देश कोरोना के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है. पिछले 6 साल से बढ़ रही बेरोजगारी अब चरम पर पहुंच गई है. लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. सांसद अगर केंद्र सरकार से अगर लोगों को रोजगार दिलाने की मांग करते हुए अनशन करते तो बेहतर होता.
कोरोना संकट के बाद छत्तीसगढ़ राज्य को केंद्र सरकार से हजारों करोड़ रुपए जीएसटी की राशि नहीं मिली है. पीएम आवास योजना सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं की राशि भी छत्तीसगढ़ को नहीं दी जा रही है. केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य में गरीब जनकल्याण रोजगार योजना लागू नहीं की. केंद्र सरकार से राज्य के हित के लिए सांसद अगर फंड की मांग करते हुए आमरण अनशन करते तो उनकी गरिमा बढ़ती. सांसद शराब लूटने वालों का समर्थन कैसे कर रहे हैं.
सांसद विजय बघेल ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज से छत्तीसगढ़ की जनता के हित में फंड जारी करने या प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य योजनाओं के लिए लंबित राशि की मांग क्यों नहीं की ? दुर्ग बेमेतरा रेल लाइन का काम चालू कराने, बीएसपी कर्मचारियों के हितों के लिए और टीए-टीओटी प्रशिक्षुओं को नौकरी देने के लिए आंदोलन करते तो बेहतर होता.
राजेंद्र ने कहा कि रमन सिंह, राजेश मूणत, रामविचार नेताम् जैसे नेता शराब लूटने वाले लोगों का समर्थन करने आ रहे हैं। समर्थन करने आ रहे ये सभी भाजपा नेता बड़े-बड़े घोटालों और गड़बड़ियों के लिए दोषी हैं. नान घोटाला, धान घोटाला, चिटफंड घोटाला, नकली खाद घोटाला, रतनजोत बीज घोटाला, मोबाइल वितरण घोटाला जैसे दर्जनों घोटाले कर छत्तीसगढ़ को 15 साल लूटने वाले आज शराब लूटने वाले आरोपियों को बचाने के लिये किये जा रहे आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं. पाटन सहित छत्तीसगढ़ की जनता यह सब देख रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव में इसका जवाब दे चुकी जनता आगे भी भाजपा को इसका करारा जवाब देगी.