राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दुष्कर्मियों को सरकार कोरोना महामारी में पैरोल पर रिहा करने की तैयारी है. जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर शिवराज सरकार को घेरा है. कमलनाथ ने ट्विट करते हुए कहा यह जानकारी सामने आई है कि प्रदेश में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 400 के करीब दुष्कर्मियों को शिवराज सरकार कोरोना के नाम पर पैरोल पर छोड़ने की तैयारी कर रही है. इसमें से 100 के क़रीब तो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के दोषी हैं. यह फैसला बेहद निंदनीय है.

कमलनाथ ने कहा कि जब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर तकरीबन समाप्ति की कगार पर है तो ऐसे में इस निर्णय पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले से ही दुष्कर्म के मामलों में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल हैं और इस निर्णय से पीड़ित परिवारों में भी असंतोष है. सरकार तत्काल इस निर्णय पर रोक लगाए.

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दरअसल प्रदेश की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दुष्कर्मियों को कोरोना महामारी में पैरोल पर रिहा करने की तैयारी है. 5 जून को जेल मुख्यालय ने सभी जेल अधीक्षकों को इस संबंध में पत्र लिखा है. भोपाल की सेंट्रल जेल में ऐसे 400 बंदी हैं, जिसमें 100 बंदी ऐसे हैं जो नाबालिग बच्चियों से ज्यादती के मामले में सजा काट रहे हैं.

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हालांकि इन बंदियों को भी पैरोल का अधिकार है, लेकिन जेल मुख्यालय का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 2015 के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ऐसे बंदी जिन्होंने दुष्कर्म का अपराध किया है और जिन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसियों के मामले में सजा हुई है, उन्हें रिहा नहीं किया जा सकता. इनके अलावा जो भी बंदी हैं, उन्हें राज्यपाल धारा 161 के तहत सजा से राहत दे सकते हैं.

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