रायपुर। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत नियुक्त किये गए 41 कंसलटेंट की नियुक्ति रद्द करने के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे अपने अधिकारियों पर पूरा भरोसा है. अखिल भारतीय सेवा के हो या राज्य के. उन्हें भरोसा नहीं था. इसलिए हर कलेक्टर के पीछे दो-दो अधिकारियों को बिठा रखा था. रिटायर हो चुके आईआरएस के अधिकारी को सबके ऊपर बिठा दिया था. सिस्टम में हमें विश्वास है उन्हें नहीं था.

आपको बता दें  सरकार ने इनकी नियुक्ति को फिजूलखर्ची माना है. पिछली सरकार ने आईआईटी समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़कर निकले और मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर चुके युवाओं को फेलोशिप योजना के तहत नियुक्ति दी थी. मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर, सचिवों और सभी 27 जिलो में कलेक्टरों को साथ इन्हें अटैच किया गया था. इन अफसरों को शासकीय योजनाओं की मानटिरिंग का जिम्मा सौंपा गया था. इन्हें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को फीडबैक देने का भी अधिकार दिया गया.

फेलोशिप योजना के तहत हुई नियुक्तियों को लेकर पिछली सरकार पर यह आरोप भी लगा था कि खास सिडिंकेट के अधिकारियों की सिफारिशों उनके चहेतों को नौकरी दे दी गई. चौंकाने वाली बात यह है कि जिन अफसरों की नियुक्ति को रद्द किया गया है, उनमें पूर्व मुख्य सचिव का दामाद भी शामिल है.