गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। मरवाही वन मंडल पेंड्रारोड में एक बार फिर भ्रष्टाचार का नया मामला सामने आया है. मामला मरवाही परिक्षेत्र के साल्हेकोटा वन प्रबंधन समिति का है. जहां फर्जी समिति गठित कर 42 लाख से अधिक की राशि निकालने का मामला है. मामले में उच्च स्तरीय जांच के बाद मामले में शामिल सुनील चौधरी बीट गॉर्ड को निलंबित कर दिया गया है. वहीं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का इंतजार है.

इस फर्जी समिति में एक ही व्यक्ति को दो दो समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है. इतना ही नहीं नियमतः जिस गांव की समिति होती है. उसी गांव के ग्रामीणों द्वारा आम सहमति बनाकर गांव के ही किसी एक व्यक्ति को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रावधान है, लेकिन गांव के बाहर के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाकर फर्जी अध्यक्ष द्वारा राशि का आहरण भी कर लिया गया.

दरअसल, मामला मरवाही परिक्षेत्र में रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प समिति जामवंत माडा गगनई का है. जहां फर्जी समिति का गठन कर विभिन्न योजनाओं की शासकीय राशि फर्जी तरीके से समिति गठित कर समिति खाते में जमा कराकर शासकीय राशि की हेराफेरी और गंभीर वित्तीय अनियामिता की गई है.

क्या है मामला

शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्राम पंचायत साल्हेकोटा में वन प्रबंधन समिति साल्हेकोटा पूर्व से संचालित है. वन प्रबंधन समिति साल्हेकोटा अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नेचर कैम्प गगनई जामवंत माड़ा साल्हेकोटा (पर्यटन एवं वन चेतना केन्द्र) स्थापित है, जिसमें कार्य कर रहे सुरक्षा श्रमिकों का भुगतान और अन्य किसी प्रकार का व्यय पिछले 6-7 सालों से समिति द्वारा किया जाता रहा है, जबकि जबकि आज तक समिति के सदस्यों को स्वतंत्र रूप से ना कैन्टिन और न ही किसी प्रकार की आयवर्धक कार्य की करने की अनुमति नहीं दी गई है.

वन प्रबंधन समिति साल्हेकोटा से प्रस्ताव पारित कर नेचर कैम्प गगनई के विकास एवं उन्नयन कार्य हेतु चक्रीय निधी की राशि मांगी गई थी. मुख्य वन वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त से वन विकास अभिकरण के तहत 68.50 लाख (अठसठ लाख पचास हजार रूपये) राशि वन प्रबंधन समिति साल्हेकोटा को प्रदान की गई थी, जिसे वनमंडल अधिकारी के निर्देशानुसार निर्देशानुसार बनाए गए फर्जी समिति नेचर कैम्प जामवंत माड़ा प्रबंधन समिति गगनई को राशि हस्तांतरित हस्तांतरित किया गया गया.

पासबुक अपडेट कराने पर मालूम हुआ कि नेचर कैम्प कैम्प प्रबंधन समिति गगनई के खाते से 4231036/- (बियालिस लाख इकत्तीस हजार छत्तीस रूपये) समिति सदस्यों, सचिव / अध्यक्ष के जानकारी के बगैर अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा आहरण कर लिया गया है. पैसा आहरण करने वाला कोई और नहीं सुनील चौधरी वन रक्षक मरवाही बीट एवं मूलचंद कोटे मरवाही निवासी है.

वर्तमान में समिति खाते में 7 लाख 68 हजार 964 शेष है. उल्लेखनीय है कि नेचर कैम्प प्रबंधन समिति गगनई का चेकबुक आज पर्यन्त तक समिति अध्यक्ष / सचिव को प्राप्त नहीं हुआ है. HDFC बैंक पेण्ड्रारोड से जानकारी लेने पर उनके द्वारा बताया गया कि इस समिति में वनरक्षक सुनील चौधरी सचिव एवं अध्यक्ष मुलचंद कोटे निवासी मरवाही है. डुप्लीकेट पासबुक बनवाकर अपडेट करवाने पर इसकी जानकारी हुई. इस प्रकार से नेचर कैम्प समिति गगनई बनाकर बड़े पैमाने पर शासकीय राशि की हेरा-फेरी एवं गंभीर वित्तीय अनियमितता कर भ्रष्टाचार किया गया है.

जांच के बाद दोषी पाए गए अधिकारी-कर्मचारी

उप समिति रोपणी प्रबंधन समिति, चिचगोहना एवं नेचर कैम्प प्रबंधन समिति, जामवंत माड़ा, गगनई का गठन नियमानुसार नहीं किया गया है. उक्त दोनों समिति में केवल एक ही अध्यक्ष एवं सचिव है औरकोई अन्य सदस्य नहीं है.

ऐसे में अवैधानिक समिति के खाते में शासकीय राशि जमा कर आहरण एवं व्यय करने के दौरान तत्कालीन उप वनमण्डलाधिकारी ए.के.चटर्जी से.नि., तत्कालीन वन परिक्षेत्राधिकारी संजय त्रिपाठी, दरोगा सिंह मरावी वर्तमान परिक्षेत्राधिकारी,परिक्षेत्र सहायक राम कुमार बंजारे, उप वनक्षेत्रपाल, मान सिंह श्याम, तत्कालीन उप वनक्षेत्रपाल सौखी लाल सिंह, उपवनक्षेत्रपाल दरोगा सिंह मरावी, तत्कालीन उप वनक्षेत्रपाल इंद्रजीत सिंह कंवर, उप वनक्षेत्रपाल अश्वनी कुमार दुबे, वनपाल द्वारिका प्रसाद रजक, वनपाल सुनील चौधरी, वनरक्षक, परिसर रक्षक एवं समिति सचिव तथा अध्यक्ष मुलचंद कोटे के साथ शाखा प्रबंधक एचडीएफसी बैंक की संलिप्तता पाई गई है.

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